क्या बिहार में उप शिक्षा निदेशक के ठिकानों पर रेड हुई? 3.75 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति का आरोप

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में उप शिक्षा निदेशक पर 3.75 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति का आरोप।
- विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी जारी है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है यह कार्रवाई।
- जांच में अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जाएगी।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पटना, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अभियान के तहत विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने तिरहुत प्रमंडल, मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय उप-शिक्षा निदेशक बीरेंद्र नारायण पर बड़ी कार्रवाई की। उन पर 3.75 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
निगरानी विभाग ने बीरेंद्र नारायण के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पूरे सेवाकाल में अपनी वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति बनाई है। जांच में पता चला है कि उनकी अवैध संपत्ति की अनुमानित कीमत करीब 3.75 करोड़ रुपए है।
इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए विशेष निगरानी इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार दाराद ने बताया कि छापेमारी चल रही है और अवैध संपत्ति से संबंधित कागजात व अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांच में कई खुलासे होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पटना से सर्च वारंट मिलने के बाद एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। इनमें मुजफ्फरपुर स्थित क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक बीरेंद्र नारायण का कार्यालय और आवास, पटना के जगनपुरा में उनका आवास और पूर्णिया जिले के रामबाग स्थित पैतृक आवास शामिल हैं।
पंकज कुमार दाराद ने बताया कि यह कार्रवाई बिहार सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का हिस्सा मानी जा रही है। इनके बारे में हमें कई जानकारियाँ मिलने के बाद टीम का गठन कर अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया और कोर्ट की अनुमति मिलने पर छापेमारी हो रही है।
उन्होंने बताया कि दो महीने पहले ही मुजफ्फरपुर में शिक्षा विभाग में बीरेंद्र नारायण की तैनाती हुई थी। इसमें कौन-कौन शामिल है और किस-किस माध्यम से अवैध संपत्ति अर्जित की गई है, इसकी भी जांच की जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।