क्या बिहार देश का पहला राज्य बना, जिसमें सभी मतदान केंद्रों पर 1200 से कम वोटर होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार ने मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाकर नई उपलब्धि हासिल की है।
- सभी मतदान केंद्रों पर 1,200 से कम मतदाता होंगे।
- राज्य में 12,817 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं।
- मतदाता सूची में सुधार के लिए 29.62 लाख मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है।
- ड्रॉफ्ट मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित होगी।
पटना, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहाँ सभी मतदान केंद्रों (पीएस) पर 1,200 से कम मतदाता होंगे। मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों से बचने के लिए बिहार में 12,817 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं।
बिहार के वोटर लिस्ट पुनरीक्षण (एसआईआर) के 24 जून के आदेश (पृष्ठ 2, बिंदु 6/7 और पृष्ठ 7, बिंदु 2 (क)) के अनुसार, प्रत्येक मतदान केंद्र पर 1,500 मतदाताओं की पहले की अधिकतम सीमा को घटाकर अब प्रति मतदान केंद्र पर 1,200 मतदाता कर दिया गया है।
नए मतदान केंद्रों को जोड़ने के बाद राज्य में मतदान केंद्रों की कुल संख्या 77,895 से बढ़कर 90,712 हो जाएगी। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का अनुकरण अन्य राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा भी किया जाना है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निर्वाचन अधिकारी और बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और उन 29.62 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूची साझा की है जिनके फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं। इसके अलावा, उन लगभग 43.93 लाख मतदाताओं की सूची भी साझा की गई जो अपने पते पर नहीं मिले हैं।
सुनिश्चित किया गया है कि राजनीतिक दलों सहित संपूर्ण चुनाव मशीनरी एक मिशन मोड में एकजुट होकर काम करे ताकि 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली ड्रॉफ्ट मतदाता सूची से कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए।
बिहार के 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,16,03,218 यानी 90.67 प्रतिशत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। डिजिटल गणना प्रपत्र 7,08,59,670 या 89.73 प्रतिशत हैं। जहाँ 43,92,864 या 5.56 प्रतिशत मतदाता अपने पते पर नहीं मिले हैं, वहीं 16,55,407 या 2.1 प्रतिशत मृत वोटर पाए गए हैं।