क्या बिहार के पूर्व विधायक सीताराम यादव और उनके बेटों को राजद ने निष्कासित कर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- सीताराम यादव और उनके बेटों को राजद से निष्कासित किया गया।
- पार्टी ने अनुशासन का उल्लंघन देखा।
- यह कार्रवाई राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर हुई।
- राजद ने अपने अधिकृत उम्मीदवार का समर्थन करने की अपील की थी।
- पार्टी ने इसे सुनियोजित साजिश बताया।
पटना, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहने के कारण तीन नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पूर्व विधायक सीताराम यादव, उनके पुत्र राकेश रंजन उर्फ विमल यादव और बड़े पुत्र राजेश कुमार यादव के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। पार्टी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह कार्रवाई राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर की गई है।
आदेश के अनुसार, सीताराम यादव को 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में खजौली विधानसभा क्षेत्र (क्रमांक-33) से राजद का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया था, जिसमें वे विजयी रहे और 2015 से 2020 तक विधायक रह चुके हैं। 2020 के चुनाव में भी उन्हें उसी क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन वे हार गए। इसके बाद, जब राजद ने 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए खजौली सीट से ब्रजकिशोर यादव को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया, तब से सीताराम यादव पार्टी निर्णय से असंतुष्ट बताए गए।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि उन्होंने इस बार अपने पुत्र राकेश रंजन उर्फ विमल यादव को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा और बड़े पुत्र राजेश कुमार के साथ मिलकर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। राजद ने कहा है कि प्रचार के दौरान तीनों ने पार्टी और उसके प्रत्याशी के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने के साथ-साथ असंसदीय भाषा का भी प्रयोग किया।
पार्टी ने आगे कहा कि उन्हें कई बार समझाया गया कि वे अपने पुत्र की उम्मीदवारी वापस लें और राजद के अधिकृत प्रत्याशी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। पार्टी ने इसे राजद को नुकसान पहुंचाने और उसके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने की सुनियोजित साजिश बताया है।
राजद ने स्पष्ट किया है कि यह मामला पार्टी अनुशासन का घोर उल्लंघन है, इसलिए विवश होकर संगठन ने श्री सीताराम यादव, उनके उम्मीदवार पुत्र राकेश रंजन उर्फ विमल यादव और बड़े बेटे राजेश कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया है।