क्या बिहार में शिक्षक नियुक्ति के लिए डोमिसाइल नीति लागू होना महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- डोमिसाइल नीति लागू होने से स्थानीय युवाओं को फायदा होगा।
- शिक्षक बहाली में प्रदेश निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- राजद पर जदयू ने तंज कसा है।
- टीआरई-4 और टीआरई-5 का आयोजन 2025 और 2026 में होगा।
पटना, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली में प्रदेश के निवासियों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इसके लिए डोमिसाइल नीति लागू की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी।
सरकार के इस फैसले पर जदयू ने खुशी का इज़हार किया है और राजद पर तीखा तंज कसा है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यहित में टीआरई-4 एवं टीआरई-5 के लिए शिक्षकों की बहाली की घोषणा की है, साथ ही डोमिसाइल नीति लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
उन्होंने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमने बिहार के युवाओं की भलाई के लिए यह फैसला किया है, जबकि विपक्ष विशेषकर राजद ने हरियाणा से लाकर राज्यसभा सदस्य नामित करने का काम किया है।
उन्होंने आगे कहा कि सिंगापुर से लाकर चुनावी टिकट देने का काम किया जाता है। राजद को अब ऐसी बेटियों को टिकट देना चाहिए जो बिहार में रहती हैं। उन्होंने आशा जताई कि विपक्ष हमारी उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिखा, "नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हम लोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार के निवासियों (डोमिसाइल) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को आवश्यक नियमों में संशोधन करने का निर्देश दिया गया है। यह टीआरई-4 से लागू किया जाएगा। वर्ष 2025 में टीआरई-4 एवं 2026 में टीआरई-5 का आयोजन किया जाएगा।