क्या दिल्ली का वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है?

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क्या दिल्ली का वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है?

सारांश

दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है, जो घने स्मॉग और ठंड के कारण गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा बन गया है। क्या दिल्ली के लोग इस संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं?

Key Takeaways

  • दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है।
  • एक्यूआई 410 तक पहुँच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
  • बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
  • घना स्मॉग और ठंड ने समस्या को बढ़ा दिया है।
  • तापमान में गिरावट से प्रदूषक जमीन के पास फँस गए हैं।

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया। घना स्मॉग, कड़ाके की ठंड और कोहरे ने उत्तर भारत के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब पहुंच गया।

खराब होती हवा ने एक बार फिर लोगों की सेहत को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति अधिक खतरनाक मानी जा रही है।

वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रात 11 बजे तक बढ़कर 410 तक पहुंच गया, जो सीधे तौर पर ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

हालांकि रात में थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन सुबह भी हालात चिंताजनक बने रहे। रविवार सुबह करीब साढ़े छह बजे एक्यूआई 396 दर्ज किया गया, जो अब भी गंभीर श्रेणी के करीब था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ‘समीर’ ऐप के आंकड़ों से पता चला कि राजधानी के कई इलाकों में सुबह के समय हवा की हालत बहुत खराब रही। सबसे ज़्यादा प्रभावित जगहों में चांदनी चौक (455), वज़ीरपुर (449), रोहिणी (444), जहांगीरपुरी (444), आनंद विहार (438) और मुंडका (436) शामिल थे, जो सभी "गंभीर" प्रदूषण श्रेणी में आते थे।

इस दौरान मौसम ने भी मुश्किलें बढ़ा दीं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने घने से बहुत घने कोहरे की चेतावनी दी। कोहरे की वजह से दृश्यता और कम हो गई और जन-जीवन पर इसका व्यापक प्रभाव देखने के लिए मिला। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। इससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होने की आशंका जताई गई।

दिल्ली में पूरे दिन ठंड बनी रही। अधिकतम तापमान करीब 17 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान लगभग 8 डिग्री तक गिर गया। दिनभर स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की रफ्तार कम होना और तापमान का उलटफेर जैसे मौसमी प्रतिशत कारण प्रदूषक जमीन के पास ही फंस गए। सर्दी बढ़ने के साथ दिल्ली को बार-बार ऐसे प्रदूषण के दौर से जूझना पड़ रहा है।

Point of View

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है। यह न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है, बल्कि यह पूरे देश की पर्यावरणीय स्थिरता को प्रभावित कर रहा है। हमें इस समस्या से सामूहिक रूप से निपटने की आवश्यकता है।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन प्रदूषण और निर्माण गतिविधियाँ हैं।
एक्यूआई क्या है?
एक्यूआई का मतलब एयर क्वालिटी इंडेक्स होता है, जो वायु की गुणवत्ता को मापता है।
क्या वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है?
हां, वायु प्रदूषण से सांस की बीमारियाँ, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के उपाय क्या हैं?
दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, वृक्षारोपण और औद्योगिक नियमों को सख्ती से लागू करना आवश्यक है।
क्या घने कोहरे का वायु प्रदूषण से कोई संबंध है?
हाँ, घना कोहरा वायु प्रदूषण को बढ़ा सकता है, क्योंकि यह प्रदूषकों को जमीन के करीब रखता है।
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