क्या बिंदापुर में टोल प्लाजा के खिलाफ महापंचायत ने सरकार को चेताया?

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क्या बिंदापुर में टोल प्लाजा के खिलाफ महापंचायत ने सरकार को चेताया?

सारांश

दिल्ली के बिंदापुर में टोल प्लाजा के खिलाफ आयोजित महापंचायत ने सरकार को चेतावनी दी है। ग्रामीणों ने टोल हटाने की मांग की है, अन्यथा अनिश्चितकालीन धरना देने का फैसला किया है। जानिए इस महापंचायत के पीछे की वजहें और ग्रामीणों की चिंताएं।

Key Takeaways

  • महापंचायत में ग्रामीणों ने टोल हटाने की मांग की।
  • सरकार को ग्रामीणों की आवाज़ सुननी चाहिए।
  • अन्यायपूर्ण टोल टैक्स के खिलाफ एकजुटता दिखाई गई।
  • 13 सितंबर को धरने की चेतावनी दी गई।
  • ग्रामीणों की समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के बिंदापुर क्षेत्र में अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) पर स्थित टोल प्लाजा के खिलाफ रविवार को पालम 360 खाप द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इस बैठक में सरकार से टोल को हटाने की मांग की गई। यदि यह मांग पूरी नहीं होती है, तो धरना देने और सड़कों को बाधित करने की चेतावनी भी दी गई।

महापंचायत में चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में दिल्ली के 12 गांवों के प्रधान और सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। इस महापंचायत का प्राथमिक उद्देश्य मुंडका-बक्करवाला और बामनोली-बृजवासन सीमा पर लगाए गए टोल प्लाजा का विरोध करना था।

सोलंकी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "दिल्ली के इतिहास में कभी भी शहर के अंदर टोल प्लाजा नहीं लगाया गया है। बक्करवाला और बामनोली-बृजवासन सीमा पर टोल प्लाजा का स्थापित होना अनैतिक है। हमारी मांग है कि टोल प्लाजा को दिल्ली की सीमा से बाहर स्थापित किया जाए, जैसा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 20 किलोमीटर के दायरे में बस्तियों के लिए निशुल्क व्यवस्था है।"

सोलंकी ने यह भी बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा से इस मुद्दे पर बातचीत की गई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। महापंचायत में यह सर्वसम्मति से तय किया गया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो 13 सितंबर को सुबह 10 बजे बक्करवाला-मुंडका टोल प्लाजा पर एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।

सोलंकी ने चेतावनी देते हुए कहा, "हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखेंगे, लेकिन यदि सरकार हमारी मांगों को अनसुना करती है तो हम टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे और आवाजाही पूरी तरह से बंद कर देंगे। जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं होता, एक भी गाड़ी नहीं गुजरने दी जाएगी।"

ग्रामीणों का कहना है कि यूईआर-2 पर टोल टैक्स उनकी ज़मीन पर बनाए गए रास्तों पर लगाया गया है, जो कि अन्यायपूर्ण है। इस महापंचायत में खाप नेताओं, आरडब्ल्यूए, और युवा संगठन 360 दिल्ली-एनसीआर के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।

Point of View

जहां वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ग्रामीणों की मांगों को सुनना चाहिए। यह न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

महापंचायत में कौन-कौन शामिल हुआ?
महापंचायत में पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी, दिल्ली के 12 गांवों के प्रधान और सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।
ग्रामीणों की मुख्य मांग क्या है?
ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि टोल प्लाजा को दिल्ली की सीमा से बाहर स्थापित किया जाए।
क्या धरना देने की चेतावनी दी गई है?
हाँ, यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो 13 सितंबर को धरना देने की चेतावनी दी गई है।
महापंचायत का उद्देश्य क्या है?
महापंचायत का उद्देश्य मुंडका-बक्करवाला और बामनोली-बृजवासन सीमा पर लगाए गए टोल प्लाजा का विरोध करना है।
क्या सरकार ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
महापंचायत में बताया गया कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से बातचीत हुई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।