क्या बिरसा मुंडा की जन्मभूमि पर पहुंचे हजारों लोग, सीएम ने कहा- 'धरती आबा' के आदर्शों को अपनाएं?

Click to start listening
क्या बिरसा मुंडा की जन्मभूमि पर पहुंचे हजारों लोग, सीएम ने कहा- 'धरती आबा' के आदर्शों को अपनाएं?

सारांश

खूंटी में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर हजारों लोगों ने उनकी जन्मभूमि उलिहातू में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। यह कार्यक्रम झारखंड की जनजातीय संस्कृति को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

Key Takeaways

  • भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
  • मुख्यमंत्री ने आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
  • सरकार द्वारा आदिवासी समुदायों के विकास के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं।

खूंटी, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महान जनजातीय नायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर झारखंड के खूंटी जिले की उनकी जन्मभूमि उलिहातू में शनिवार को हजारों लोगों ने उपस्थित होकर उनकी स्मृतियों को श्रद्धांजलि दी।

उलिहातु स्थित बिरसा मुंडा कॉम्प्लेक्स में आयोजित मुख्य समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम सहित अनेक प्रमुख व्यक्तित्व शामिल हुए। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों से आत्मीय मुलाकात की और उन्हें शॉल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि बिरसा मुंडा ने अल्पायु में मातृभूमि और जनजातीय अस्मिता की रक्षा के लिए जिस साहस का परिचय दिया, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर हर बार आने पर मुझे धन्यता का अनुभव होता है। 'धरती आबा' (धरती पिता) बिरसा मुंडा के आदर्शों को अपनाकर ही लंबे संघर्ष और बलिदानों के बाद अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना साकार हुई। हम उनके आदर्शों को हमेशा अपने जीवन में समाहित करेंगे।

उन्होंने बताया कि आदिवासी और जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं। आज झारखंड 25 वर्ष का एक युवा राज्य बन चुका है और युवा शक्ति के सहयोग से इसे देश के अग्रणी राज्यों में लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, पर्यटन और आधारभूत संरचना के विकास पर तेजी से कार्य जारी है। सरकार का लक्ष्य है कि हर घर में खुशहाली आए और लोग विकास यात्रा का हिस्सा बनें।

केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता संग्राम और जनजातीय अधिकारों की लड़ाई में जो ऐतिहासिक कार्य किया, वह भारतीय सभ्यता की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा, “उलिहातु की इस पवित्र भूमि पर आकर मैं गर्वित महसूस कर रहा हूं। बिरसा मुंडा के आदर्श, त्याग और संघर्ष हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।”

समारोह में विधायक विकास सिंह मुंडा, रामसूर्या मुंडा, सुदीप गुड़िया, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और अधिकारी उपस्थित थे।

Point of View

बल्कि यह झारखंड राज्य की पहचान और विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी राजनीतिक नेताओं का इस अवसर पर एकजुट होना दर्शाता है कि वे बिरसा मुंडा के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कब मनाई जाती है?
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती हर वर्ष 15 नवंबर को मनाई जाती है।
उलिहातू कहाँ स्थित है?
उलिहातू झारखंड राज्य के खूंटी जिले में स्थित है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें 'धरती आबा' के आदर्शों को अपनाना चाहिए।
Nation Press