क्या भाजपा गरीबों के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है? : वीरेंद्र सिंह

सारांश
Key Takeaways
- मताधिकार हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है।
- चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को बनाए रखना आवश्यक है।
- भाजपा पर गंभीर आरोप हैं कि वह गरीबों के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा एसआईआर के माध्यम से गरीबों के मताधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत का संविधान इस देश का मार्गदर्शक है। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है, जिसे विशेष अधिकार और जिम्मेदारियों से नवाजा गया है। इन जिम्मेदारियों में यह सुनिश्चित करना शामिल है कि सभी नागरिकों, चाहे वे अनपढ़ ही क्यों न हों, का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाए और उन्हें मतदान का अधिकार प्राप्त हो, ताकि वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें और अपनी पसंद की सरकार का चयन कर सकें। लेकिन इसके विपरीत, भाजपा गरीबों के इस अधिकार को छीनने और उस पर डाका डालने की कोशिश कर रही है। एसआईआर के अंतर्गत ऐसे दस्तावेजों की मांग की जा रही है जो आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनकी वोटर लिस्ट में उपस्थिति नहीं है, जिसे चुनाव आयोग ने बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि अब चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जिस वोटर कार्ड के माध्यम से तेजस्वी यादव ने अपने नामांकन का पर्चा भरा था, वह वैध है या नहीं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी को देश विरोधी बताते हुए पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों के समर्थन का आरोप लगाया। इस पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि देहात में एक कहावत है, 'नया मुल्ला प्याज बहुत खाता है', वह नई धार्मिक पार्टी से जुड़े हैं, इसलिए वह प्याज अधिक खाएंगे। बड़े घोटाले के आरोपियों का खुद को पाक-साफ बताना आश्चर्यजनक और हास्यास्पद है।
उन्होंने एनसीपी (एसपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन पर दिए गए बयान पर कहा कि सनातन का शाब्दिक अर्थ है पुरातन, जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। हिंदू धर्म सहिष्णु होता है, लेकिन कुछ छद्म हिंदू और भगवाधारी हैं, जो हिंदू धर्म को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह आपत्ति का विषय है। कोई भी धर्म आतंक का समर्थक नहीं हो सकता है।