क्या बिहार में महागठबंधन की प्रेस वार्ता से पहले भाजपा-जदयू का हमला होगा?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की प्रेस वार्ता से पहले भाजपा और जदयू का हमलावर रुख।
- सीट बंटवारे पर गंभीर विवाद।
- राहुल गांधी की तस्वीर को पोस्टर से हटाना विवाद का कारण।
- जदयू प्रवक्ता ने गठबंधन को मजाक बताया।
पटना, २३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद गुरुवार को समाप्त होने की उम्मीद है। महागठबंधन की ओर से एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई है, जिसमें सभी असमंजस को दूर करने की संभावना है। इसी बीच, भाजपा और जदयू ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर महागठबंधन पर निशाना साधा है।
भाजपा ने इस संयुक्त प्रेस वार्ता के लिए लगाए गए पोस्टर में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की तस्वीर न लगाए जाने को लेकर कटाक्ष किया है।
बिहार भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्टर की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "महागठबंधन में भारी अंतर्कलह अब सरेआम हो चुका है। पहले राहुल गांधी ने तेजस्वी को चेहरा नहीं माना। अब तेजस्वी ने राहुल गांधी को पोस्टर से गायब कर दिया। यह पोस्टर ही महागठबंधन टूटने की घोषणा है।"
भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने तंज कसते हुए कहा कि आज घमंडियों का कैमरा मिलन हो रहा है। बड़े युवराज कोलंबिया से वापस लौटने के बाद बिहार पधारेंगे, छोटे युवराज यही हैं। उन्होंने आगे कहा कि चीन से पैसा लेने वाले 'युवराज' आज लैंड फॉर जॉब मामले के अभियुक्त 'युवराज' के साथ बैठेंगे। दोनों भ्रष्टाचारी जमानत पर हैं और बात करेंगे बिहार के विकास की। यही नहीं, साथ में लालू यादव, जिसे 'मुड़कटवा' पार्टी कहते थे, को भी बैठाएंगे।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि गजब गठबंधन है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक और घोषणा कर दीजिए कि हम आएंगे तो 20 दिनों के अंदर अपहरण उद्योग होगा, मर्डर उद्योग, शराब उद्योग, कमीशन उद्योग होगा और नौकरी तो मिल ही जाएगी।
वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि गठबंधन के नाम पर कैसा भद्दा मजाक हो रहा है। बिहार में कुल विधानसभा सीटों की संख्या २४३ और महागठबंधन के उम्मीदवारों की संख्या २५५। यह अंकगणित तो तेजस्वी यादव ही समझ सकते हैं। उन्होंने प्रेस वार्ता के लगे पोस्टर को लेकर भी सवाल उठाया कि पोस्टर में तस्वीर सिर्फ तेजस्वी यादव की है। अन्य घटक दल के नेताओं की तस्वीर कहां है? सवाल यह है कि क्या केवल ४२० के आरोपी की ही तस्वीर रहेगी? इस पर भी घटक दलों के नेताओं का जमीर नहीं जागता है?