क्या कांग्रेस ने आदिवासियों का अपमान किया है? भाजपा का आरोप

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का बयान राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुँचाता है।
- आदिवासी समुदाय की संवेदनशीलता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।
- राजनीतिक विवादों से सामाजिक विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
भोपाल, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी को लेकर मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध जताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासियों का अपमान करती आई है और अब यह पार्टी पूरी तरह से पगलाई हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासियों का अपमान किया है। अब तो यह हद हो गई है कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी अपमान किया गया है। राष्ट्रपति पर दिया गया बयान पूरी तरह से असंवैधानिक है। कांग्रेस सभी मर्यादाएं तोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग का हमेशा विरोध किया है, और आदिवासी वर्ग में जन्म लेने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा। भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर कड़ा विरोध किया है और कहा है कि सत्ता न मिलने के कारण कांग्रेस पगलाई हुई है। ये लोग इस हद तक खसिया गए हैं कि पद की गरिमा को भी नहीं समझ पा रहे हैं।
सारंग ने आगे कहा कि महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर ने सोचा होगा कि एक दिन जंगल की रखवाली करने वाला आदिवासी वर्ग इस देश की रखवाली करेगा। अगर राष्ट्रपति पर ऐसे अशोभनीय शब्द कहे जाएंगे, तो यह स्पष्ट है कि वे किस दौर से गुजर रहे हैं। संभव है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दबाव में खड़गे इस तरह की बदतमीजी कर रहे हैं।