क्या भाजपा ने तरनतारन उपचुनाव के लिए प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सुरजीत ज्याणी
- के.डी. भंडारी और रविकरण सिंह काहलों सह-प्रभारी हैं।
- उपचुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है।
- भाजपा ने अनुभवी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
- यह सीट आम आदमी पार्टी के विधायक के निधन के बाद खाली हुई है।
चंडीगढ़, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तरनतारन विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के लिए वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुरजीत ज्याणी को प्रभारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही पूर्व विधायक के.डी. भंडारी और पूर्व विधायक रविकरण सिंह काहलों को सह-प्रभारी बनाया गया है।
यह नियुक्ति पार्टी की ओर से उपचुनाव में मजबूत रणनीति बनाने और जीत हासिल करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
तरनतारन विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई है। इस उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को तेज कर रहे हैं।
भाजपा ने इस सीट पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए अनुभवी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
पूर्व मंत्री सुरजीत ज्याणी, जो पहले मंत्री रह चुके हैं, का लंबा राजनीतिक अनुभव पार्टी के लिए फायदेमंद माना जा रहा है। उनके साथ के.डी. भंडारी और रविकरण सिंह काहलों की जोड़ी भी इस चुनाव में रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
के.डी. भंडारी भारत के पंजाब राज्य की जालंधर उत्तर सीट से भाजपा के पूर्व विधायक हैं। उन्हें 2012 के चुनावों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1,703 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित किया गया था।
वहीं, अकाली दल के नेता रविकरण काहलों पहले अकाली दल में थे और 2024 में भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने सुखबीर बादल पर गंभीर आरोप लगाया था कि वह पार्टी नहीं बल्कि लिमिटेड कंपनी चला रहे हैं।
उपचुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन सभी दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल भी इस सीट पर अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं।