क्या भाजपा नेता ने राजद पर निशाना साधा और जंगलराज लाने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने राजद पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- जंगलराज की वापसी का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
- वोटिंग प्रक्रिया ६ और ११ नवंबर को होगी।
- प्रशांत किशोर की पार्टी का कोई प्रभाव नहीं है।
- बिहार की जनता एनडीए के साथ खड़ी है।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को अपने निशाने पर लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में राजद की एक रैली दिखाई गई है, जहाँ मंच से वक्फ बिल को फाड़ने की बात की जा रही है।
भाजपा नेता ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजद के मंच से यह खुला ऐलान उनके और महागठबंधन के असली एजेंडे को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि ये लोग बिहार में एक बार फिर किसी भी कीमत पर जंगलराज लाना चाहते हैं।
प्रदीप भंडारी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "यदि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बने तो हम वक्फ बिल की धज्जियां उड़ाने का काम करेंगे!" राजद के मंच से ऐसा खुला ऐलान इस बात की पुष्टि करता है कि उनका असली एजेंडा है, किसी भी तरह से जंगलराज को वापस लाना। उन्होंने यह भी कहा कि राजद, वोट बैंक के लिए बिहार में अति पिछड़े और अनुसूचित जातियों की जमीन हड़पने वाले भू-माफिया का समर्थन कर रही है। बिहार की जनता राजद-कांग्रेस को नकार देगी!
इससे पहले, भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर भी निशाना साधा था। भंडारी ने कहा कि बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का कोई खास प्रभाव नहीं है और यही कारण है कि वे खुद चुनावी मैदान में उतरने से बच रहे हैं।
भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, "प्रशांत किशोर को पता है कि उनकी पार्टी का जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं है। यही वजह है कि वह खुद चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं।" भंडारी ने यह भी कहा कि जन सुराज, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), और कांग्रेस तीनों दल बिहार की मौजूदा जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं। उनके अनुसार, बिहार की जनता का झुकाव साफ तौर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर है।
उन्होंने यह भी लिखा, "बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है। राज्य में एनडीए को जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है।"
बिहार में इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण के लिए ६ नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए ११ नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती १४ नवंबर को होगी और चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।