क्या बीएलडब्ल्यू यूनिट 2017 से इलेक्ट्रिक इंजनों पर काम कर रही है? : जीएम नरेश पाल सिंह

Click to start listening
क्या बीएलडब्ल्यू यूनिट 2017 से इलेक्ट्रिक इंजनों पर काम कर रही है? : जीएम नरेश पाल सिंह

सारांश

बीएलडब्ल्यू ने 2017 से इलेक्ट्रिक इंजनों पर काम करने के साथ-साथ भारत का पहला रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया है। जीएम नरेश पाल सिंह के अनुसार, यह भारतीय रेलवे के नवीकरणीय ऊर्जा मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जानें उनके दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • बीएलडब्ल्यू ने भारत का पहला रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया है।
  • 2017 से इलेक्ट्रिक इंजनों पर काम कर रहा है।
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए 1.5 लाख पेड़ लगाए हैं।
  • सौर ऊर्जा से 20 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन।
  • भविष्य का लक्ष्य अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का लोको बनाना।

वाराणसी, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) ने रेलवे ट्रैकों के बीच भारत का पहला रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया है, जो भारतीय रेलवे के नवीकरणीय ऊर्जा मिशन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस बारे में जानकारी बीएलडब्ल्यू के जीएम नरेश पाल सिंह ने दी।

बीएलडब्ल्यू ने देश के पहले रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम को स्थापित करके इतिहास रच दिया है, जो नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। नरेश पाल सिंह ने कहा कि हम 2017 से इलेक्ट्रिक इंजनों पर स्विच कर चुके हैं, जो भारतीय रेलवे के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की नीति का परिणाम है। इसके चलते डीजल इंजनों का उत्पादन बंद कर दिया गया है। वर्तमान में निर्मित डीजल इंजन मुख्यतः निर्यात या गैर-रेलवे ग्राहकों के लिए हैं।

उन्होंने बताया कि हम पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हमारी यूनिट बीएलडब्ल्यू के अंतर्गत 40 प्रतिशत वन क्षेत्र आता है, जिसमें 1.5 लाख पेड़ हैं और इस वर्ष हम 5 हजार और पौधे लगाएंगे। यह जीरो यूनिट डिस्चार्ज है। हम सौर ऊर्जा में भी अच्छा काम कर रहे हैं और लगभग 4.5 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जिसमें से 20 प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता सौर से पूरी होती है। रेलवे ट्रैक पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं।

बनारस लोकोमोटिव वर्क्स के जीएम ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव भी बना रहे हैं। यह देश की एकमात्र यूनिट है, जहां इलेक्ट्रिक और डीजल दोनों प्रकार के लोकोमोटिव का निर्माण होता है। 2017 से हम केवल इलेक्ट्रिक लोको पर काम कर रहे हैं। वर्तमान में जो डीजल लोको बनाए जा रहे हैं, वे सिर्फ एक्सपोर्ट या नॉन-रेलवे कस्टमर के लिए हैं। अब तक हम 174 लोको एक्सपोर्ट कर चुके हैं और नॉन-रेलवे कस्टमर के लिए 641 डीजल लोको बनाए गए हैं। कुल मिलाकर, हम 8300 डीजल लोको और इलेक्ट्रिक तथा डीजल को मिलाकर 10860 लोको बना चुके हैं। हमारा अगला लक्ष्य अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का लोको बनाना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बीएलडब्ल्यू यूनिट न केवल इलेक्ट्रिक इंजनों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझती है। यह पहल भारतीय रेलवे के लिए न केवल तकनीकी विकास का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे देश की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक मील का पत्थर है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बीएलडब्ल्यू यूनिट ने कब से इलेक्ट्रिक इंजनों पर काम करना शुरू किया?
बीएलडब्ल्यू यूनिट ने 2017 से इलेक्ट्रिक इंजनों पर काम करना शुरू किया।
बीएलडब्ल्यू की प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?
बीएलडब्ल्यू ने रेलवे ट्रैकों पर भारत का पहला रिमूवेबल सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया है।
बीएलडब्ल्यू के जीएम का नाम क्या है?
बीएलडब्ल्यू के जीएम का नाम नरेश पाल सिंह है।
बीएलडब्ल्यू पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कदम उठा रही है?
बीएलडब्ल्यू ने 1.5 लाख पेड़ लगाए हैं और इस साल 5 हजार और पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है।
बीएलडब्ल्यू की भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
बीएलडब्ल्यू का लक्ष्य अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का लोको बनाना है।