क्या नए साल के जश्न से पहले बीएमसी की अग्नि सुरक्षा अपील महत्वपूर्ण है?
सारांश
Key Takeaways
- बीएमसी ने अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की है।
- समुदाय के सभी सदस्यों की सुरक्षा प्राथमिकता है।
- आग से संबंधित उपकरणों का नियमित रखरखाव आवश्यक है।
- आपातकालीन निकास हमेशा खुले और स्पष्ट होने चाहिए।
- आतिशबाजी और धूम्रपान पर कड़ी रोक लगाई गई है।
मुंबई, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नए साल 2026 की तैयारियों के साथ, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) एवं मुंबई अग्निशमन दल ने शहर के निवासियों, छात्रों, इवेंट आयोजकों और व्यवसायों से अग्नि सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
बीएमसी ने कहा, "आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आइए नए साल का स्वागत जिम्मेदारी और सावधानी के साथ करें।" यह अपील हाल में गोवा में हुए गंभीर नाइटक्लब आग हादसे (जिसमें 25 लोगों की जान गई) और पिछले वर्षों की घटनाओं जैसे कमला मिल्स आग (2017) की याद दिलाते हुए जारी की गई है, जहां लापरवाही के कारण बड़ी त्रासदियाँ हुई थीं।
बीएमसी ने नए साल के जश्न के दौरान होटल, पब, बार, रेस्तरां, रूफटॉप स्थानों, पार्टी हॉल्स और अन्य सार्वजनिक स्थलों के लिए विस्तृत अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं। मुंबई फायर ब्रिगेड ने 22 दिसंबर से 28 दिसंबर 2025 तक 'स्पेशल फायर सेफ्टी कैंपेन' चलाया, जिसमें कुल 2,474 प्रतिष्ठानों की जांच की गई। इनमें से 122 के खिलाफ महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत कार्रवाई की गई, जबकि कई को नोटिस जारी किए गए।
इससे पहले 22-26 दिसंबर तक 1,221 स्थानों की जांच में 59 के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
प्रतिष्ठानों और आयोजकों के लिए कई मुख्य दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। सभी अग्नि सुरक्षा प्रणालियां जैसे अग्नि अलार्म, फायर एक्सटिंग्विशर, स्प्रिंकलर सिस्टम और राइजर पूरी तरह कार्यशील और नियमित रखरखाव में हों। सभी आपातकालीन निकास मार्ग हमेशा खुले और निर्बाध रहें; कोई दरवाजा बंद न हो। स्पष्ट और दृश्यमान दिशा-निर्देशक और निकास संकेतक लगाएं।
इसके साथ रसोई क्षेत्रों में गैस कनेक्शन और विद्युत इंस्टॉलेशन की पूरी जांच करें। अतिरिक्त एलपीजी सिलेंडर का भंडारण न करें। परिसर की स्वीकृत क्षमता से अधिक लोगों को न आने दें। आतिशबाजी, क्रैकर्स, फायर शो, धूम्रपान और हुक्का के उपयोग पर कड़े प्रतिबंध हैं। सजावट में ज्वलनशील पदार्थों से बचें; जहां संभव हो आग-प्रतिरोधी सामग्री का उपयोग करें।
ये सभी उपाय महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के अनुसार अनिवार्य हैं। उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।