क्या 26 जनवरी को बोत्सवाना से मध्य प्रदेश पहुंचेंगे आठ चीते?

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क्या 26 जनवरी को बोत्सवाना से मध्य प्रदेश पहुंचेंगे आठ चीते?

सारांश

खजुराहो में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कूनो राष्ट्रीय उद्यान से नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में चीतों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम बोत्सवाना से आने वाले चीतों के लिए महत्वपूर्ण है। जानिए इस योजना के क्या हैं लाभ और प्रभाव।

Key Takeaways

  • बोत्सवाना से चीतों का जत्था 26 जनवरी को आएगा।
  • चीतों को नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा।
  • नौरादेही अभयारण्य चीतों के लिए तीसरा आवास होगा।
  • कूनो में चीतों की संख्या वर्तमान में 31 है।
  • पिछले दिनों में चीतों की मृत्यु दर में वृद्धि हुई है।

खजुराहो, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से कुछ चीतों को नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम बोत्सवाना (दक्षिण अफ्रीका) से चीतों के नए जत्थे के अगले महीने मध्य प्रदेश पहुंचने से लगभग एक महीने पहले उठाया। चीतों को केएनपी में क्वारंटाइन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री दिलीप अहिरवार ने मंगलवार को खजुराहो में कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि बोत्सवाना से आठ चीतों का नया जत्था 26 जनवरी को मध्य प्रदेश पहुंचेगा।

मंत्री अहिरवार ने कहा कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान से कुछ चीतों को नौरादेही स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

इसके साथ ही मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य, जिसका नाम हाल ही में वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है, अब कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य के बाद राज्य में चीतों के लिए तीसरा आवास होगा।

श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 'प्रोजेक्ट चीता' की शुरुआत 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आठ चीतों और उसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने के साथ की गई थी।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दो समूहों में कुल 20 चीते छोड़े गए थे, जिनमें से नौ वयस्क चीतों की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि लगातार मौतों के बावजूद, वर्तमान में चीतों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है, जिनमें पाँच नवजात शावक भी शामिल हैं।

पिछले तीन दिनों में दो और शावकों की मृत्यु हो गई।

Point of View

बल्कि यह देशभर में जैव विविधता के संरक्षण के प्रयासों को भी दर्शाता है। चीतों का पुनर्स्थापन भारतीय पारिस्थितिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

बोत्सवाना से चीतों का जत्था कब आएगा?
बोत्सवाना से आठ चीतों का नया जत्था 26 जनवरी को मध्य प्रदेश पहुंचेगा।
चीतों को कहाँ स्थानांतरित किया जाएगा?
चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा।
नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य का नाम किसके नाम पर रखा गया है?
नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की कुल संख्या कितनी है?
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में चीतों की संख्या 31 है।
क्या चीतों की मृत्यु दर चिंता का विषय है?
हाँ, कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पिछले कुछ समय में वयस्क चीतों की मृत्यु दर चिंता का विषय बन गई है।
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