क्या पूजा पाल के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना अत्यंत निंदनीय है?: ब्रजेश पाठक

सारांश
Key Takeaways
- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान अपमानजनक शब्दों के खिलाफ है।
- पूजा पाल ने सपा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव पर सबकी नजर है।
- सरकार ने लखीमपुर खीरी मामले में उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है।
- तेजस्वी यादव के बयान पर कानूनी कार्रवाई हो रही है।
लखनऊ, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना अत्यंत निंदनीय है।
ब्रजेश पाठक ने पूजा पाल के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि यदि उनकी हत्या होती है, तो इसके लिए अखिलेश यादव जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है और इसका जवाब उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में दिया जाएगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सपा नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर पूजा पाल को ट्रोल करना और उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना अत्यंत निंदनीय है।
पाठक ने मांग की कि सपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा का इतिहास बेटियों, पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों का अपमान करने की पुरानी परंपरा है।
उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में सपा को इसका करारा जवाब देगी।
लखीमपुर खीरी की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं और जो भी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया है कि पीड़ित के लिए समुचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सारा खर्चा सरकार उठाएगी।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि भारतीय राजनीति में कोई भी इस तरह की भाषा को स्वीकार नहीं करेगा। तेजस्वी को बयान देने से पहले सोचने की आवश्यकता है कि वह किसके बारे में क्या कह रहे हैं। उनके खिलाफ एफआईआर हुई है, तो कानूनी तौर पर पूरी प्रक्रिया होगी। स्थानीय पुलिस प्रशासन कानून के अनुसार कार्रवाई करेगा।