क्या बीएसएनएल की 4जी सेवा से बच्चों और युवाओं को मिलेगी मदद?

सारांश
Key Takeaways
- बीएसएनएल की 4जी सेवा आज से शुरू हो चुकी है।
- यह सेवा 30,000 गांवों तक पहुंचेगी।
- उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसानों के साथ खड़े रहने की बात की।
- केंद्र सरकार से किसानों के लिए आर्थिक मदद मांगी जाएगी।
- राज्य में बाढ़ के कारण किसानों को मदद दी जाएगी।
पुणे, २७ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीएसएनएल ने शनिवार से अपने मोबाइल ग्राहकों के लिए 4जी सेवा की शुरुआत की है, जिसका उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों हुआ। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि आज से शुरू की गई यह 4जी सेवा ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, मनोरंजन, और घर से काम करने वालों के लिए लाभकारी साबित होगी।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से बीएसएनएल की यह 4जी सेवा ३०,००० गांवों तक पहुंचाई जाएगी, जिससे भारत अब विश्व में पांचवे स्थान पर आएगा। इस 4जी सेवा के जरिए हमारे देश ने विश्व महासत्ता बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है।
राज्य में बाढ़ की स्थिति और पीड़ित किसानों के लिए मुआवजे के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि अचानक आई बाढ़ ने महाराष्ट्र के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, खासकर मराठवाड़ा में। इस संकट के समय हम सभी उन पीड़ित किसानों के साथ खड़े हैं। राज्य सरकार जल्द ही उन्हें उचित सहायता प्रदान करेगी।
केंद्र सरकार से भी किसानों के लिए आर्थिक सहायता की मांग की जाएगी, जिसके लिए मुख्यमंत्री और मैंने गृहमंत्री अमित शाह को एक निवेदन भेजा है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की है और महाराष्ट्र की स्थिति की जानकारी दी है।
इस अवसर पर शरद पवार पर कटाक्ष करते हुए शिंदे ने कहा कि कुछ लोग घर में बैठे हैं, उन्हें यह नहीं पता कि बाहरी हालात क्या हैं। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा लेना आवश्यक है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा सहायता राशि को लेकर पूछे गए सवाल पर शिंदे ने कहा कि इस समय हम घरों की मरम्मत, किसानों के बह गए जानवरों और लोगों की मौत के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद दे रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां-जहां बड़ा नुकसान हुआ है, वहां उचित फैसले लिए जाएंगे।
शिंदे ने कहा कि यह कठिन समय राजनीति का नहीं, बल्कि किसानों के साथ खड़े रहने का है। चाहे जो भी हो, दीपावली से पहले किसानों के हाथों में आर्थिक मदद पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है।