क्या सरकार ने सीएपीएफ के आधुनिकीकरण और कल्याण के लिए 1,523 करोड़ रुपए की योजना लागू की है?

सारांश
Key Takeaways
- सीएपीएफ का आधुनिकीकरण 1,523 करोड़ रुपए की योजना के तहत किया जाएगा।
- आधुनिक हथियार और सुरक्षा उपकरण की खरीद की जाएगी।
- साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों के लिए नया पोर्टल शुरू किया गया है।
- सीएपीएफ कर्मियों के आवास के लिए ई-आवास पोर्टल उपलब्ध है।
- आयुष्मान सीएपीएफ योजना के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा है।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), जिसमें असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी शामिल हैं, के लिए आधुनिकीकरण योजना-4 की शुरुआत की है। इस योजना का बजट 1,523 करोड़ रुपए है, जिसका कार्यान्वयन 1 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2026 तक होगा।
इसका उद्देश्य बलों की क्षमता को बढ़ाना है, जिसमें आधुनिक हथियार, संcommunication प्रणाली, सुरक्षात्मक उपकरण, निगरानी और सीमा सुरक्षा सिस्टम, प्रशिक्षण सामग्री, बख्तरबंद और विशेष वाहनों की खरीद शामिल है।
गृह मंत्रालय ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की है, जिसके तहत राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल 'साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन' की शुरुआत की गई है। इसमें खासतौर पर महिलाओं और बच्चों से जुड़े साइबर अपराधों की शिकायत दर्ज की जा सकती है।
2021 में सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग और मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफसीएफआरएमएस) की शुरुआत की गई, जिससे अब तक 5,489 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बचाई गई है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 भी उपलब्ध है।
अब तक 9.42 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 2,63,348 आईएमईआई नंबर को ब्लॉक किया गया है।
राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला ने 12,460 से अधिक मामलों में जांच सहायता प्रदान की है। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) को देश के 17,712 थानों में लागू किया गया है।
इसके साथ ही ई-फॉरेंसिक, ई-अभियोजन, ई-न्यायालय और ई-जेल को भी जोड़ा गया है।
इसके अलावा, 2019 से अब तक 16,364 नए मकान बनाए गए, जिससे कुल मकानों की संख्या 1,33,845 हो गई है और आवास संतोष स्तर 48.80 प्रतिशत है।
सीएपीएफ ई-आवास पोर्टल के माध्यम से 6,59,155 कर्मियों का पंजीकरण किया गया और 1,31,519 को घर आवंटित किए गए।
आयुष्मान सीएपीएफ योजना के तहत 2,006 सीजीएचएस और 32,100 पीएम-जेएवाई अस्पतालों में कैशलेस इलाज उपलब्ध है। अब तक लगभग 41 लाख पहचान पत्र जारी किए गए हैं।
राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि ये कदम सीएपीएफ कर्मियों की क्षमता, सुरक्षा और कल्याण को मजबूत करेंगे।