क्या मजीठिया विवाद में कैप्टन अमरिंदर और सीएम भगवंत मान के बीच हुई तीखी नोकझोंक?

सारांश
Key Takeaways
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मजीठिया का समर्थन किया।
- भगवंत मान ने पलटवार कर राजनीतिक दोहरे चेहरे की बात की।
- पंजाब की राजनीति में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप बढ़ रहे हैं।
- राजनीतिक उत्पीड़न का मुद्दा उठाया गया।
- जनता की चिंताओं का कोई समाधान नहीं मिल रहा।
चंडीगढ़, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कैप्टन अमरिंदर सिंह और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच बिक्रम सिंह मजीठिया के मामले को लेकर सियासी टकराव देखने को मिला है। कैप्टन ने आम आदमी पार्टी और राज्य सरकार की तीखी आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की। इसके बाद भगवंत मान ने भी जवाब दिया।
हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया। शनिवार को कैप्टन अमरिंदर ने मजीठिया के समर्थन में बयान दिया।
कैप्टन ने फेसबुक पर लिखा, "पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार का मानना है कि सस्ती सनसनीखेज बातें, राजनीतिक प्रतिशोध और निर्मम दमन, शासन के नए मानक हैं। पंजाब ने लोकतंत्र पर इतना जबरदस्त हमला पहले कभी नहीं देखा, जहां उनके कुशासन और भ्रष्टाचार के आलोचकों को नजरबंद किया जा रहा है। उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्हें चुप करा दिया जा रहा है।"
उन्होंने आगे लिखा, "बिक्रम सिंह मजीठिया को निशाना बनाकर किया गया उत्पीड़न उनकी अमानवीय रणनीति का एक चौंकाने वाला उदाहरण है। मैं इस राजनीतिक उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता हूं। बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को कुचला जा रहा है, असहमति को दबाया जा रहा है और पंजाब को माफिया की तरह दिल्ली से नियंत्रित किया जा रहा है।"
कैप्टन के पोस्ट के बाद, भगवंत मान ने भी फेसबुक के माध्यम से पलटवार किया। उन्होंने लिखा, "कैप्टन साहब, आज आपको ड्रग तस्करों के मानवाधिकारों की चिंता हो रही है। जब आपके और आपके भतीजे के राज में लोगों के बेटे तड़प-तड़प कर मर रहे थे, उस समय आप सभाएं कर रहे थे। अब पंजाब आप सभी के दोहरे चेहरों को जान चुका है, लेकिन दुर्भाग्य से बहुत कुछ खोने के बाद। भाजपा अब आपके बयान को व्यक्तिगत बताकर अपना पीछा छुड़ा लेगी। गुटका साहिब जी की शपथ कहां गई?"