क्या कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत?

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क्या कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को गिरफ्तारी से राहत दी है। यह मामला विवादित कार्टून बनाने से संबंधित है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस को चित्रित किया गया है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और कोर्ट के फैसले का महत्व।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय की गिरफ्तारी पर रोक लगाई।
  • कार्टून को व्यंग्यात्मक बताया गया।
  • अगली सुनवाई 15 अगस्त को होगी।
  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी।
  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का महत्व।

नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर विवादित कार्टून बनाने के सिलसिले में इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत प्राप्त हुई है। कोर्ट ने मालवीय की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोकसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मालवीय को अंतरिम राहत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 अगस्त के बाद निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने अभिव्यक्ति की आजादी के महत्व पर चर्चा की। कोर्ट ने कहा कि आजकल लोग ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं, जिनका स्तर उचित नहीं होता।

मालवीय की वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि हेमंत का बनाया कार्टून केवल व्यंग्यात्मक था।

इससे पहले, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। यह मामला 2021 में कोविड काल के दौरान बनाए गए एक कार्टून से जुड़ा है, जो विवादित था।

हाईकोर्ट ने मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि भविष्य में भी वे ऐसा कर सकते हैं। इस कारण उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया गया।

इस साल मई में आरएसएस के एक सदस्य की शिकायत पर मालवीय के खिलाफ केस दर्ज हुआ। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को अपने आदेश में कहा कि मालवीय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और विवादित कार्टून बनाते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। कोर्ट ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का जानबूझकर किया गया कृत्य माना था।

हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने सुनवाई के दौरान कहा था कि मालवीय ने आरएसएस, प्रधानमंत्री और भगवान शिव को अपमानजनक तरीके से चित्रित कर संविधान के तहत दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा पार की। कोर्ट ने उनकी हिरासत में पूछताछ की जरूरत बताते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

Point of View

जहां विचारों का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण है, वहां ऐसे मामलों में न्याय की आवश्यकता होती है। कोर्ट का यह कदम न केवल हेमंत मालवीय के लिए, बल्कि सभी कलाकारों और पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

हेमंत मालवीय के खिलाफ मामला क्यों दर्ज हुआ?
हेमंत मालवीय के खिलाफ मामला आरएसएस के एक सदस्य की शिकायत पर दर्ज हुआ था, जिसमें आरोप था कि उन्होंने विवादित कार्टून बनाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय को क्या राहत दी?
सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई है और मामले की अगली सुनवाई 15 अगस्त के बाद तय की है।
क्या हेमंत मालवीय का कार्टून सिर्फ व्यंग्य था?
हां, मालवीय की वकील ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि उनका बनाया कार्टून सिर्फ व्यंग्यात्मक था।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा था कि मालवीय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और भविष्य में भी ऐसा कर सकते हैं।
इस मामले का सामाजिक प्रभाव क्या है?
इस मामले ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं को लेकर बहस को जन्म दिया है।