क्या ईडी का असली मकसद विपक्षी नेताओं को बिना ठोस सबूत के जेल में डालना है?

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क्या ईडी का असली मकसद विपक्षी नेताओं को बिना ठोस सबूत के जेल में डालना है?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। क्या यह जांच एजेंसी राजनीतिक प्रतिशोध का उपकरण बन चुकी है? आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इस मुद्दे को उठाया है, जो देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।

Key Takeaways

  • ईडी पर राजनीतिक दबाव का आरोप।
  • सुप्रीम कोर्ट की गंभीर टिप्पणियाँ।
  • विपक्षी नेताओं का उत्पीड़न।
  • राजनीतिक प्रतिशोध का खतरा।
  • लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जागरूकता।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर से उच्चतम न्यायालय की गंभीर टिप्पणियों के केंद्र में आ गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की कार्यप्रणाली और उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ईडी अब एक राजनीतिक उपकरण बनती जा रही है, जिसका उपयोग विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। इस टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की यह टिप्पणी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। यह स्पष्ट है कि ईडी का उपयोग अब प्रतिशोध की भावना से किया जा रहा है।

आतिशी ने यह भी कहा कि इससे पहले भी सर्वोच्च न्यायालय ने जांच एजेंसियों को 'पिंजरे में बंद तोता' बताया था और अब एक बार फिर से अदालत ने इन एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां बेवजह विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी के कई नेता, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं।

आप नेता ने कहा, "ईडी का उद्देश्य है कि विपक्षी नेताओं पर पीएमएलए लगाकर उन्हें जेल में डाला जाए, बिना किसी ठोस सबूत के।"

उन्होंने दिल्ली के कथित शराब घोटाले का ज़िक्र करते हुए कहा कि ईडी ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार तो किया, लेकिन आज तक एक भी पैसा बरामद नहीं कर पाई, और सभी नेताओं को अदालत से ज़मानत मिल चुकी है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में कर्नाटक के एक मंत्री की पत्नी को भेजे गए ईडी समन पर भी सवाल उठाया। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जब सर्वोच्च न्यायालय से ज़मानत मिली थी, तब भी अदालत ने टिप्पणी की थी कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक दुर्भावना के तहत की गई थी।

आतिशी ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय बार-बार यह स्पष्ट कर रहा है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों से पहले विपक्षी नेताओं पर मुकदमे तेज़ कर दिए जाते हैं और चुनाव खत्म होते ही मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

Point of View

बल्कि लोकतंत्र की मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

ईडी का क्या काम है?
ईडी का मुख्य कार्य आर्थिक अपराधों की जांच करना है, लेकिन इसके कार्यों पर राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के बारे में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक हथियार बनती जा रही है।
आतिशी ने क्या आरोप लगाया?
आतिशी ने आरोप लगाया कि ईडी का उद्देश्य विपक्षी नेताओं को बिना ठोस सबूत के जेल में डालना है।
क्या ईडी का इस्तेमाल राजनीति में हो रहा है?
हां, कई नेताओं का कहना है कि ईडी का दुरुपयोग राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।
क्या अदालतें इस पर कुछ कर रही हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई पर गंभीर टिप्पणियाँ की हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि अदालतें इसकी निगरानी कर रही हैं।