क्या राहुल गांधी को कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन तय करना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी को नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय करना चाहिए।
- सीएम सिद्धारमैया ने अपना कार्यकाल पूरा करने की बात कही है।
- भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।
मैसूर, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि राज्य में नेतृत्व से संबंधित जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह राहुल गांधी, जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, को करना चाहिए।
अपने गृह क्षेत्र मैसूर में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "राहुल गांधी द्वारा लिए गए निर्णय के प्रति हम सभी प्रतिबद्ध हैं।"
नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मीडिया में चल रही चर्चाओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "इतने सवाल पूछने की आवश्यकता क्या है? मैंने इस विषय पर विधानसभा में पहले ही स्पष्टता दी है। बार-बार चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।"
हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में यह भी कहा था कि वह अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक के.एन. राजन्ना द्वारा पिछले सप्ताह उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से मुलाकात पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, "डी.के. शिवकुमार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनसे मिलने में क्या गलत है?"
इस बीच, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "एक ओर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बार-बार कह रहे हैं कि वह पार्टी हाईकमान की इच्छा तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, वहीं उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार यह दावा कर रहे हैं कि हाईकमान के साथ पहले से ही समझौता हो चुका है।"
इससे पहले, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा था कि हाईकमान ने उपमुख्यमंत्री शिवकुमार की मांग को खारिज कर दिया है और उनके पिता ही पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।
बाद में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में यह भी कहा कि वह पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस हाईकमान और राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि उनमें इस संकट को सुलझाने की क्षमता नहीं है।
--आईएएनएस
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