क्या सीबीआई ने 4.5 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में भगोड़े उदित खुल्लर को यूएई से प्रत्यर्पित कराया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई द्वारा सफलता से की गई प्रत्यर्पण प्रक्रिया।
- खुल्लर ने नकली दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी की।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका।
- भारत में आर्थिक अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- प्रत्यर्पण से भारत की छवि को मजबूती मिली।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आर्थिक अपराधियों को पकड़ने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़े उदित खुल्लर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित किया है। सीबीआई ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया।
दिल्ली पुलिस को 4.55 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित उदित खुल्लर को शुक्रवार को इंटरपोल और यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों की मदद से भारत लाया गया।
सीबीआई की इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (आईपीसीयू) ने अबू धाबी के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) के सहयोग से इंटरपोल के जरिए उदित खुल्लर को यूएई से भारत प्रत्यर्पित करवाया।
सीबीआई ने अपने बयान में बताया कि उदित खुल्लर को इंटरपोल के माध्यम से यूएई में खोजा गया और उन्हें दुबई से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर वापस लाया गया। सीबीआई ने एनसीबी-अबू धाबी के साथ मिलकर इंटरपोल के चैनलों के माध्यम से लगातार फॉलोअप किया और पहले ही यूएई में उनका पता लगा लिया था।
उदित खुल्लर पर दिल्ली में वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप है, जिसमें उन्होंने नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कई बैंक लोन हासिल किए। यह मामला दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा आदर्श नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।
एफआईआर के अनुसार, उदित खुल्लर ने अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी और निजी बैंकों से 4.55 करोड़ रुपए के हाउसिंग लोन हासिल किए। जांच में पता चला कि खुल्लर ने बैंकों को नकली प्रॉपर्टी दस्तावेज जमा किए, जिनमें उन्होंने ऐसी संपत्तियों का मालिकाना हक दिखाया जो उनकी नहीं थीं।
इन जाली दस्तावेजों का उपयोग कर उन्होंने तीन अलग-अलग होम लोन धोखे से लिए। लोन मिलने के बाद उन्होंने किश्तों का भुगतान नहीं किया और गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए।
खुल्लर के भागने के बाद, दिल्ली पुलिस ने उनकी तलाश और वापसी के लिए सीबीआई से मदद मांगी। सीबीआई, जो भारत में इंटरपोल का राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है, ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग की शुरुआत की। सीबीआई ने खुल्लर का पता यूएई में लगाया और अबू धाबी के एनसीबी के सहयोग से उन्हें गिरफ्तार करवाया।
सीबीआई ने कहा कि यह सफल प्रत्यर्पण भारत के इंटरपोल और इसके विशेष पोर्टल भारतपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
यह मामला विदेशों में रहने वाले वित्तीय अपराधियों और भगोड़ों के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई का एक और महत्वपूर्ण कदम है।