क्या एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की होगी सीबीआई जांच? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिया अनुमोदन

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई जांच की मांग की गई है।
- मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को न्याय का आश्वासन दिया है।
- घोटाले में हजारों निवेशकों को नुकसान हुआ है।
- सांसदों ने कठोर कार्रवाई की मांग की है।
- दोषियों के खिलाफ सख्त सजा की आवश्यकता है।
देहरादून, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चर्चित एलयूसीसी धोखाधड़ी मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह मामला काफी समय से चल रहा है। हमारे सामान्य परिवारों के लोगों के साथ उनकी मेहनत की कमाई का धोखाधड़ी हुआ है। हमने इससे पहले दो महीने पहले आंदोलन करने वाले पीड़ितों से मुलाकात की थी। हमने आश्वासन दिया था कि इसकी पूरी जांच राज्य स्तर पर की जाएगी और यदि आवश्यक हो तो इंटरपोल जैसी एजेंसी की भी मदद ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने जांच के बाद मुझे रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया है कि सीबीआई जांच की आवश्यकता है। हमने इस रिपोर्ट को सीबीआई जांच के लिए आगे बढ़ा दिया है। हमारा मानना है कि इस जांच के बाद पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए और उनकी जमा धनराशि भी वापस मिलनी चाहिए।
उत्तराखंड के सांसदों ने भी प्रदेश के हजारों गरीब और ग्रामीण निवेशकों की मेहनत की कमाई को ठगने वाले एलयूसीसी प्रमोटर्स के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि इन अपराधियों को इंटरपोल की मदद से भारत लाकर न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय और उनकी धनराशि की वापसी सुनिश्चित की जा सके।
सांसदों ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच की संस्तुति कर दी है। इस घोटाले में शामिल लोगों को सख्त सजा दिलाकर भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जाना आवश्यक है।
गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस मामले में कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को उनके कृत्य की सजा अवश्य मिलेगी। यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि आम जनता के विश्वास से जुड़ा है और इसके समाधान के लिए सभी स्तरों पर गंभीर प्रयास किए जाएंगे।
यह ध्यान देने योग्य है कि इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर ठगे गए निवेशक देहरादून समेत अन्य स्थानों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। हाल ही में दून में पीड़ित महिला निवेशकों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। बीते एक साल से प्रदर्शन कर रहे निवेशकों को अब न्याय की उम्मीद जगी है।
देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में शामिल एलयूसीसी स्कैम (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी) ने देश की सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए। इस मल्टी स्टेट स्कैम में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान समेत आठ राज्यों के हजारों निवेशकों, विशेषकर महिलाओं, से सैकड़ों करोड़ रुपए की ठगी की गई।
इस मामले में कोटद्वार में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। 1 जून 2024 को कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने दुगड्डा शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर आरडी खाता खोलने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस संबंध में कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा संख्या 142/24 दर्ज किया गया। पौड़ी पुलिस ने संबंधित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में आठ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और चार के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।
एलयूसीसी धोखाधड़ी मामले में देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें पौड़ी जिले में 4, टिहरी में 4, देहरादून में 2, रुद्रप्रयाग में 2 और उत्तरकाशी में 1 मुकदमा शामिल हैं।