क्या सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में उत्तर रेलवे लखनऊ के उप मुख्य अभियंता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने उत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियंता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
- रिश्वतखोरी के मामले में ठोस सबूत मिले हैं।
- आरोपी उप मुख्य अभियंता की गिरफ्तारी से रेलवे में पारदर्शिता की उम्मीद जगी है।
- फरार आरोपी की तलाश जारी है।
- यह घटना सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम है।
लखनऊ, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के एक मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। सीबीआई ने उत्तर रेलवे, लखनऊ के उप मुख्य अभियंता सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
रिश्वतखोरी के इस मामले में सीबीआई ने उत्तर रेलवे लखनऊ की गति शक्ति यूनिट के उप मुख्य अभियंता, एक वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग), मुख्य अभियंता (ओपन इंजीनियर) और एक निजी कंपनी के दो कर्मचारियों को पकड़ा है।
14 जुलाई को, सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसमें उप मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे की गति शक्ति यूनिट, वरिष्ठ अभियंता (समन्वय), मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय का कार्यालय अधीक्षक, और अन्य शामिल थे।
जांच में पता चला कि एक निजी कंपनी ने रेलवे का ठेका लिया था, जिसे भदोई में गति शक्ति परियोजना के तहत कार्य दिया गया था। आरोपी उप मुख्य अभियंता की देखरेख में यह कार्य किया जा रहा था। सीबीआई ने लखनऊ में चार स्थानों, वाराणसी में छह स्थानों और गाजियाबाद में एक स्थान पर छापे मारे, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं।
जांच में यह साबित हुआ कि निजी कंपनी की ओर से 14 जुलाई को आरोपी उप मुख्य अभियंता को अनुचित लाभ दिया गया। इसके बाद, उप मुख्य अभियंता को कार्यालय से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 2.50 लाख रुपए की रिश्वत बरामद की गई। यह राशि आरोपी, एसएसई (ड्राइंग) द्वारा प्राप्त की गई थी।
एक अन्य आरोपी सहायक एक्सईएन, जो कथित तौर पर 2.75 लाख रुपए प्राप्त कर चुका था, अभी फरार है। उसकी तलाश जारी है। गिरफ्तार पांचों आरोपियों को मंगलवार को एलडी विशेष न्यायाधीश (पश्चिम), सीबीआई, लखनऊ की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर रेलवे लखनऊ की गति शक्ति यूनिट के उप मुख्य अभियंता विवेक कुशवाहा, वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग) अशोक रंजन, मुख्य अभियंता अंजुम निशा, तथा मेसर्स टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी जिमी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह और प्रवीण कुमार सिंह शामिल हैं। जिमी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह रेलवे ठेकेदार भी हैं। वहीं, सहायक कार्यकारी अभियंता केके मिश्रा फरार हैं।