क्या सीबीआई ने असम के करोड़ों रुपए के घोटाले में फरार निदेशक को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- अजय कुमार की गिरफ्तारी से वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में प्रगति हुई है।
- सीबीआई ने कई वर्षों तक फरार रहे आरोपी को पकड़ा।
- आरोपियों ने असम के नागरिकों को धोखा दिया था।
- कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
- इस मामले ने वित्तीय सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है।
कोलकाता, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने असम में एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामले में आइडल इंडिया ग्रुप ऑफ कंपनीज के पूर्व निदेशक अजय कुमार उर्फ राजू गुप्ता को गिरफ्तार किया है।
आरोपी को कई वर्षों तक कानून प्रवर्तन से बचने के बाद 30 जुलाई को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने असम सरकार द्वारा 6 मई, 2013 को जारी अधिसूचना और 9 मई, 2014 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में मामला दर्ज किया था।
आरोपों के अनुसार, आरोपियों और समूह के अन्य निदेशकों ने आइडल इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, आइडल इंडिया डिबेंचर ट्रस्ट और आइडल इंडिया प्रोजेक्ट्स लिमिटेड जैसे नामों से कई धोखाधड़ी वाली योजनाएं चलाईं और उच्च रिटर्न और ब्याज के झूठे वादे करके असम के आम नागरिकों से बड़ी रकम इकट्ठा की।
गहन जांच के बाद सीबीआई ने 22 दिसंबर, 2022 को अजय कुमार और अन्य के खिलाफ सीबीआई कोर्ट, गुवाहाटी के विशेष न्यायाधीश के समक्ष आरोप पत्र दायर किया।
अजय कुमार कई सालों से फरार था और गिरफ्तारी से बच रहा था। काफी मशक्कत के बाद सीबीआई ने उसे कोलकाता में खोज निकाला और गिरफ्तार कर लिया। उसे पश्चिम बंगाल के बारासात स्थित उत्तर 24 परगना के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसकी ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर ली।