क्या सीबीआई ने सीपीडब्ल्यूडी के कार्यकारी और सहायक इंजीनियर को रिश्वतखोरी में पकड़ा? 55 लाख रुपए नकद बरामद

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई की कार्रवाई से सरकारी भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
- 55 लाख रुपए की बरामदगी इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- जांच का दायरा बढ़ सकता है।
- यह कार्रवाई समाज में विश्वास को बढ़ाने का कार्य करेगी।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 11 अगस्त को एक महत्वपूर्ण अभियान चलाते हुए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के कार्यकारी और सहायक इंजीनियर सहित चार लोगों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
इस कार्रवाई में कार्यकारी अभियंता (सिविल), (आरके पुरम, नई दिल्ली) और सहायक अभियंता (सिविल), (चाणक्यपुरी, नई दिल्ली) के अलावा दो अन्य व्यक्ति भी शामिल हैं। ये दोनों अन्य आरोपी एक निजी कंपनी से जुड़े हुए थे।
सीबीआई के अनुसार, यह गिरफ्तारी उस समय की गई जब आरोपियों के बीच 6 लाख रुपए की रिश्वत का लेन-देन हो रहा था। इसी दिन 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिनमें से चार को गिरफ्तार किया गया।
आरोप है कि सीपीडब्ल्यूडी के ये अधिकारी एक निजी कंपनी के लोगों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे थे। यह भ्रष्टाचार कंपनी द्वारा जमा किए गए बिलों को मंजूरी देने के बदले रिश्वत लेने के रूप में किया जा रहा था।
सूचना मिली थी कि 11 अगस्त को एक निजी व्यक्ति कार्यकारी अभियंता को 6 लाख रुपए रिश्वत देने जा रहा है। इसके बाद सीबीआई ने रंगे हाथ दोनों को रिश्वत की राशि के साथ पकड़ लिया। इसी मामले में एक अन्य निजी व्यक्ति और सहायक अभियंता को भी गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारियों के बाद, सीबीआई ने नामजद आरोपियों के 10 स्थानों पर तलाशी ली। इन तलाशी अभियानों के दौरान लगभग 55 लाख रुपए नकद बरामद किए गए, साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले।
सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर काबू पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मामले की आगे की जांच जारी है और संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे होंगे।