क्या सीबीआई ने एनएचआईडीसीएल, गुवाहाटी के कार्यकारी निदेशक से भारी संपत्ति जब्त की?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने एनएचआईडीसीएल के कार्यकारी निदेशक से भारी संपत्ति जब्त की।
- गिरफ्तारी रिश्वतखोरी के आरोप में की गई।
- कोलकाता के प्रतिनिधि भी गिरफ्तार हुए।
- संपत्तियों का मूल्यांकन जांच के तहत।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
गुवाहाटी, १७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के क्षेत्रीय कार्यालय गुवाहाटी में कार्यकारी निदेशक एवं क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर छापा मारा। केंद्रीय जांच एजेंसी ने १४ अक्टूबर को उन्हें एक निजी व्यक्ति से १० लाख रुपए की रिश्वत
गुवाहाटी, गाजियाबाद और इंफाल में की गई जांच के बाद सीबीआई ने उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश से संबंधित भारी मात्रा में नकदी और दस्तावेज़ बरामद किए। सीबीआई ने २.६२ करोड़ रुपए नकद, दिल्ली एनसीआर में ९ प्रीमियम अपार्टमेंट इकाइयों, १ प्रीमियम कार्यालय स्थान और ३ आवासीय भूखंडों के साथ ही बेंगलुरु में १ प्रीमियम अपार्टमेंट और १ आवासीय भूखंड सहित अचल संपत्तियों में निवेश से जुड़े दस्तावेज़ प्राप्त किए। इसके अलावा, गुवाहाटी में ४ प्रीमियम अपार्टमेंट और २ आवासीय भूखंडों के दस्तावेज़, इंफाल पश्चिम में २ आवासीय भूखंडों और १ कृषि भूमि के अधिग्रहण से संबंधित दस्तावेज़ और ६ लग्जरी वाहनों के दस्तावेज़ भी बरामद हुए।
इस दौरान उनके आवास से लाखों रुपए की २ लग्जरी घड़ियां और १०० ग्राम चांदी की सिल्ली भी मिली।
आरोपी लोक सेवक और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी गई अधिकांश संपत्तियों का मूल्यांकन कम किया गया प्रतीत होता है, जिनकी जांच चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने आरोपी और एक निजी कंपनी के दो प्रतिनिधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। केंद्रीय एजेंसी ने जाल बिछाया और आरोपी कार्यकारी निदेशक एवं एक निजी व्यक्ति को उस समय पकड़ा जब लोक सेवक १०,००० रुपए की रिश्वत ले रहा था।
असम राज्य में डेमो से मोरन बाईपास के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्ग-३७ के ४-लेनिंग के अनुबंध के अलावा अन्य अनुबंधों से संबंधित निजी कंपनी द्वारा किए गए कार्य के लिए अनुकूल समय विस्तार (ईओटी) और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निजी व्यक्ति से १० लाख रुपए की रिश्वत ली गई थी। दोनों आरोपियों को विशेष न्यायाधीश सीबीआई असम, गुवाहाटी की अदालत में पेश किया गया और ३ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में कार्यकारी निदेशक मैसनाम रितेन कुमार सिंह और मेसर्स मोहन लाल जैन, कोलकाता के प्रतिनिधि बिनोद कुमार जैन शामिल हैं।