क्या रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने यूको बैंक मथुरा ब्रांच के सीनियर मैनेजर को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- रिश्वतखोरी के खिलाफ सीबीआई की सख्त कार्रवाई
- बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल
- शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत की मांग का खुलासा
- आरोपी की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
- सीबीआई द्वारा मामले की गहन जांच
मथुरा, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रिश्वतखोरी के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने यूको बैंक मथुरा ब्रांच के सीनियर मैनेजर को हिरासत में लिया।
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित कोतवाली रोड यूको बैंक शाखा के प्रमुख पर 4 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है। सीबीआई ने सोमवार को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
शिकायतकर्ता का कहना है कि उसकी फर्म ने यूको बैंक, कोतवाली रोड शाखा से 1 करोड़ रुपए का क्रेडिट कार्ड ऋण लिया था। लेकिन, फर्म को स्वीकृत 1 करोड़ रुपए में से 90 लाख रुपए ही वितरित किए गए, जबकि शेष 10 लाख रुपए को यूको बैंक शाखा प्रमुख ने अनुचित लाभ के लिए रोक रखा था।
यह भी आरोप लगाया गया कि जब शिकायतकर्ता का बेटा शेष 10 लाख रुपए की राशि लेने गया, तो शाखा प्रमुख ने उससे 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। 1 करोड़ रुपए के स्वीकृत ऋण पर 4 प्रतिशत कमीशन की दर से 4 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई।
सीबीआई ने जाल बिछाकर शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपए (मांगी गई 4 लाख रुपए की अनुचित लाभ की पहली किस्त के रूप में) आरोपी को उसके साथी और एक निजी व्यक्ति के साथ अवैध रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। केंद्रीय एजेंसी इस मामले में आगे की जांच कर रही है।