क्या सीबीआई ने उत्तर रेलवे के सहायक मंडल इंजीनियर और ट्रैकमैन को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने रेलवे में रिश्वतखोरी के खिलाफ महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
- सहायक मंडल अभियंता और ट्रैकमैन को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया।
- रिश्वत की राशि 34 हजार रुपए थी।
- सीबीआई की जांच अभी भी जारी है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश है।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रेलवे में भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। सीबीआई ने उत्तर रेलवे, चंदौसी (संभल, उत्तर प्रदेश) में तैनात सहायक मंडल अभियंता संजीव सक्सेना और ट्रैकमैन आकाश को एक रेलवे ठेकेदार से 34 हजार रुपए की रिश्वत लेते समय रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
यह कार्रवाई शुक्रवार रात को की गई। सीबीआई ने जाल बिछाकर दोनों अधिकारियों को रिश्वत लेते समय पकड़ा। पूछताछ के बाद, शनिवार सुबह दोनों आरोपियों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपियों को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत (कोर्ट नं. 1) में पेश किया जाएगा।
सीबीआई ने 4 जुलाई को एक निजी ठेकेदार की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह एक प्राइवेट फर्म चलाता है और रेलवे में ट्रैक फिटिंग का कार्य करता है। 19 जनवरी 2024 को उसे मुरादाबाद डिवीजन, उत्तर रेलवे से यह टेंडर मिला था। कार्य के पूरा होने के बावजूद 17,57,605 के लंबित बिलों के भुगतान के एवज में अभियंता संजीव सक्सेना ने ठेकेदार से 2 फीसदी कमीशन यानी 34 हजार रिश्वत की मांग की थी।
सीबीआई ने शिकायत को गंभीरता से लिया और एक टीम गठित की। 4 जुलाई की रात को जाल बिछाया गया। जैसे ही आरोपी अभियंता और ट्रैकमैन ने ठेकेदार से रिश्वत की रकम स्वीकार की, सीबीआई की टीम ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया। पूछताछ के बाद दोनों को 5 जुलाई की सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच जारी है।
चंदौसी रेलवे स्टेशन के इंजीनियरिंग विभाग में गाजियाबाद से आई सीबीआई टीम ने कार्रवाई की। टीम ने आईओडब्ल्यू और सहायक अभियंता (एईएन) कार्यालय में दस्तावेजों की भी जांच की।
इससे पहले, अप्रैल में सीबीआई ने उत्तर रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों को एक निजी फर्म के बिलों को मंजूरी देने के बदले 7 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।