क्या सीबीएसई ने स्कूलों के एंट्री और एग्जिट गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीएसई ने स्कूलों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है।
- स्कूल के एंट्री और एग्जिट गेट पर कैमरे लगाए जाएंगे।
- 15 दिनों की फुटेज रखने की क्षमता वाला स्टोरेज डिवाइस अनिवार्य है।
- यह निर्णय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की सिफारिश पर आधारित है।
- 2026 से 10वीं की परीक्षा साल में दो बार होगी।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सीबीएसई ने सभी स्कूलों के एंट्री और एग्जिट गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश जारी किया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वे प्रवेश और निकास द्वार पर ऑडियो-विजुअल सुविधाओं के साथ उच्च तकनीक वाले सीसीटीवी कैमरे स्थापित करें। यह कदम स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सीबीएसई का कहना है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अनुसार, "स्कूलों में सीसीटीवी की नियमित निगरानी और देखभाल आवश्यक है। इसलिए, छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने संशोधन करने का निर्णय लिया है।"
सीबीएसई के अनुसार, स्कूल के सभी प्रवेश और निकास द्वार, लॉबी, गलियारों, सीढ़ियों, सभी कक्षाओं, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कैंटीन क्षेत्र, स्टोर रूम, खेल के मैदान और शौचालयों व वॉशरूम को छोड़कर अन्य सामान्य क्षेत्रों में ऑडियो-विजुअल सुविधाओं के साथ उच्च रिजॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए, जिससे वास्तविक समय में ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग हो सके।
इन सीसीटीवी कैमरों में कम से कम 15 दिनों की फुटेज रखने की क्षमता वाला स्टोरेज डिवाइस होना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि 15 दिनों का बैकअप सुरक्षित रखा जाए, जिसे आवश्यकता पड़ने पर अधिकारी उपयोग कर सकें। सभी संबद्ध स्कूल बच्चों की सुरक्षा के लिए इस प्रावधान का पालन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 2026 से एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अगले साल से 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो फेज में आयोजित होगी। पहले चरण की परीक्षा फरवरी और दूसरे चरण की मई में आयोजित होगी। पहले चरण की परीक्षा अनिवार्य होगी, जबकि दूसरा चरण वैकल्पिक होगा।