क्या मैं सीडीएस अनिल चौहान के बयान का समर्थन कर सकता हूँ? : पूर्व डीजीपी एसपी वैद

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क्या मैं सीडीएस अनिल चौहान के बयान का समर्थन कर सकता हूँ? : पूर्व डीजीपी एसपी वैद

सारांश

पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने सीडीएस अनिल चौहान के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने १९६२ की लड़ाई में वायुसेना के सही उपयोग पर ज़ोर दिया। क्या यह भारत की सैन्य रणनीति में सुधार का संकेत है?

Key Takeaways

  • सीडीएस अनिल चौहान का बयान महत्वपूर्ण है।
  • १९६२ की लड़ाई में वायुसेना का सही उपयोग जरूरी था।
  • पूर्व डीजीपी एसपी वैद का समर्थन दर्शाता है कि इतिहास का मूल्यांकन आवश्यक है।

श्रीनगर, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद ने गुरुवार को सीडीएस अनिल चौहान के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि १९६२ में भारतीय वायुसेना का सही तरीके से इस्तेमाल किया गया होता, तो निश्चित रूप से चीन के हमले को रोका जा सकता था।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि मैं बिना किसी संदेह के उनके बयान का समर्थन करता हूं। इतिहासकार भी मानते हैं कि यदि उस समय के प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना का उचित प्रयोग किया होता, तो चीन को कड़ी टक्कर दी जा सकती थी। उस समय हम बहुत छोटे थे और हमें इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यदि भारतीय वायुसेना का सही तरीके से उपयोग किया गया होता, तो आज चीन हमारी सीमाओं पर कब्जा नहीं कर पाता। हालांकि, उस समय हम हिंदी-चीन भाई-भाई का नारा लगा रहे थे, जबकि चीन ने इस नारे को गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने कहा कि उस समय पंडित नेहरू विश्व में शांति का संदेश फैलाने में लगे हुए थे, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई। जिस प्रकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी छवि बनाने में लगे हैं, वैसा ही प्रयास पंडित नेहरू भी कर रहे थे। इस कारण देश को नुकसान हुआ और चीन ने भारतीय भूभागों पर अपना कब्जा जमा लिया। वर्तमान में, चीन ने अक्साई चीन पर कब्जा कर रखा है और अरुणाचल प्रदेश एवं लद्दाख पर भी उसकी नजरें हैं। इस स्थिति में यह स्पष्ट है कि यह देश के लिए अनुकूल नहीं है।

उन्होंने सीडीएस अनिल चौहान के कार्यकाल में वृद्धि पर भी बधाई दी और इसे देश की सामरिक शक्ति के लिए एक सही दिशा में कदम बताया। उन्होंने कहा कि मैं अनिल चौहान को बधाई देता हूं कि उनका कार्यकाल बढ़ाया गया है। निश्चित रूप से सभी देशवासी इससे संतुष्ट होंगे।

इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को जेहादी मानसिकता से प्रभावित बताया और कहा कि उनके खिलाड़ी क्रिकेट को एक दूसरा पेशा मानते हैं। पहले ये लोग तब्लीगी कार्य करते हैं और दूसरों को इस्लाम स्वीकार करने के लिए आमंत्रित करते हैं। पाकिस्तान के एक खिलाड़ी ने कहा था कि वह सचिन को मारना चाहता है। क्या ये लोग क्रिकेट खेलने आए हैं या जिहाद करने आए हैं? मैं समझता हूं कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। इनके खिलाड़ियों ने मैदान में नमाज अदा की, तो ये इसे बहुत बड़ा मान लेते हैं। ये लोग क्रिकेट खेलने आए हैं या नमाज पढ़ने?

Point of View

NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

सीडीएस अनिल चौहान के बयान का क्या महत्व है?
सीडीएस अनिल चौहान का बयान भारत की सैन्य रणनीति और इतिहास का पुनर्मूल्यांकन करता है, जो हमें भविष्य में बेहतर निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
पूर्व डीजीपी एसपी वैद का दृष्टिकोण क्या है?
एसपी वैद मानते हैं कि यदि १९६२ में भारतीय वायुसेना का सही उपयोग किया गया होता, तो चीनी आक्रमण को रोकना संभव था।