क्या प्रेग्नेंसी में सेलिना जेटली ने गंभीर समस्याओं का सामना किया?

सारांश
Key Takeaways
- सेलिना जेटली की कहानी महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
- प्रेग्नेंसी में स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान महत्वपूर्ण है।
- कोलेस्टेसिस एक गंभीर स्थिति है, जिसके लिए समय पर इलाज आवश्यक है।
- महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
- सपोर्ट सिस्टम का होना बहुत महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री सेलिना जेटली जुड़वां बच्चों की माँ हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने उस दर्द को साझा किया, जो उन्होंने प्रेग्नेंसी के दौरान झेले। सेलिना ने बताया कि इस दौरान उन्हें कोलेस्टेसिस, शुगर और अन्य गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
इंस्टाग्राम के स्टोरीज सेक्शन में पोस्ट करते हुए उन्होंने महिलाओं को जागरूक करने और प्रेरित करने का प्रयास किया।
‘नो एंट्री’ फेम सेलिना जेटली ने अपने बच्चों के साथ तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि प्रेग्नेंसी के दौरान उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया। उनके परिवार में ट्विंस की जेनेटिक स्पेशलिटी है। उनकी माँ ने भी जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन एक हादसे में उन्हें खो दिया। सेलिना ने बताया कि उनकी परदादी को भी जुड़वां बच्चों को जन्म देते समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
सेलिना ने कहा, “मुझे प्रेग्नेंसी के दौरान शुगर और गंभीर पेल्विक दर्द के साथ कोलेस्टेसिस हुआ, जो जुड़वां बच्चों के दौरान होने वाली एक आम समस्या है। यह एक ऐसी स्थिति थी, जिसने मुझे लगभग तोड़ दिया। इस दर्द ने मुझे बहुत परेशान किया।”
कोलेस्टेसिस एक लीवर से जुड़ी समस्या है, जिसमें हथेलियों और तलवों में असहनीय खुजली होती है। यह माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। बच्चों में समय से पहले जन्म या जन्म के दौरान कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर इलाज न किया गया, तो गंभीर मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है।
सेलिना ने बताया कि उनकी स्त्री रोग विशेषज्ञ ने इस समस्या का समय रहते पता लगाया और उन्हें दुबई के एक जॉर्डनियन हेपेटोलॉजिस्ट के पास भेजा। डॉक्टर ने न केवल उनका इलाज किया, बल्कि उनके लिए प्रार्थना भी की, जिससे सेलिना को भावनात्मक ताकत मिली। उनका इलाज उर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड दवा से हुआ, जो कोलेस्टेसिस में बाइल एसिड को कम करती है।