क्या हेमंत सरकार के छह महीने का कार्यकाल निराशाजनक है? : चंपई सोरेन

सारांश
Key Takeaways
- हेमंत सोरेन सरकार का कार्यकाल निराशाजनक है।
- मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ियां सामने आई हैं।
- फर्जी लाभार्थियों को पैसा ट्रांसफर किया गया है।
- ओबीसी को आरक्षण देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
- सरकार चुनावों के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रही है।
जमशेदपुर, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपई सोरेन ने वर्ष 2024 के चुनाव के बाद राज्य में पुनः स्थापित हेमंत सोरेन सरकार के छह माह के कार्यकाल को निराशाजनक बताया है।
सोमवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन वादों के आधार पर यह सरकार बनी थी, उन्हें पूरा करने में यह नाकाम साबित हो रही है। नीतिगत निर्णयों, योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रशासनिक ईमानदारी के हर क्षेत्र में यह सरकार असफल दिख रही है।
चंपई सोरेन ने कहा कि चुनाव के दौरान सरकार ने “मंईयां सम्मान योजना” के अंतर्गत बड़े वादे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के छह महीने बाद ही इस योजना में गड़बड़ियों की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन महीनों से मंईयां सम्मान योजना की राशि लाभार्थियों को नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा, “यह योजना बुजुर्ग, विधवा और बेसहारा महिलाओं के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब तक इसके तहत राशि का नियमित आवंटन नहीं हो पा रहा है। लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां लगभग 180 ऐसे लोग फर्जी तरीके से योजना में शामिल किए गए, जो इसके पात्र ही नहीं थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना जांच के इन फर्जी लाभार्थियों के खाते में पैसा भी ट्रांसफर कर दिया। इससे न केवल सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ, बल्कि असली लाभार्थी आज भी इंतज़ार में हैं। चंपई सोरेन ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव को लेकर भी राज्य सरकार की इरादे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसके बावजूद सरकार चुनाव को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है। जनता ने जिन्हें भरोसे से चुना था, वही आज जवाबदेही से बचते नजर आ रहे हैं।