क्या चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा प्रभाव? : आचार्य विक्रमादित्य

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क्या चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा प्रभाव? : आचार्य विक्रमादित्य

सारांश

चंद्र ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जो रविवार को रात 9:57 बजे शुरू होगी। यह ग्रहण साढ़े तीन घंटे तक रहेगा और इसका प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा। जानें कैसे और क्यों ग्रहण के बाद स्नान करना अनिवार्य है।

Key Takeaways

  • चंद्र ग्रहण का समय: रविवार, रात 9:57 बजे से शुरू होगा।
  • प्रभाव: राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।
  • स्नान की अनिवार्यता: ग्रहण के बाद स्नान करना आवश्यक है।
  • खगोलीय घटना: ग्रहण का कारण सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी की छाया है।
  • पुण्य का अवसर: इस समय साधना और चिंतन द्वारा पुण्य अर्जित किया जा सकता है।

नई दिल्ली, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जिसे लेकर पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य विक्रमादित्य ने जानकारी दी है। यह ग्रहण रविवार की रात को 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा और लगभग साढ़े तीन घंटे तक रहेगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना अनिवार्य है।

आचार्य विक्रमादित्य ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में बताया कि रविवार की रात को कुंभ राशि में राहु के साथ चंद्रमा की जो युति बन रही है, वह इस ग्रहण का कारण बनेगी। यह ग्रहण श्राद्ध से पहले आ रहा है और इसके बाद सूर्य ग्रहण भी होगा। इन दो ग्रहणों के बीच 15 दिन का समय बहुत सावधानी भरा है। इस दौरान कई ग्रहों के परिवर्तन का योग बन रहा है, जिससे आने वाले 40 दिनों में विश्व में कई प्रकार की उथल-पुथल हो सकती है।

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो सूर्य और चंद्रमा के बीच होने वाले परिवर्तन के कारण होती है। इसका प्रभाव हर व्यक्ति और जीव पर पड़ता है, जिसमें कुछ पर सकारात्मक और कुछ पर नकारात्मक प्रभाव होते हैं। भारतीय ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल को पर्व काल माना जाता है। इस दौरान भगवान के मंत्र जप, साधना और चिंतन द्वारा पुण्य अर्जित किया जा सकता है।

आचार्य विक्रमादित्य का कहना है कि ग्रहण का प्रभाव राशियों के दृष्टिकोण से विस्तार से समझा जा सकता है। 12 राशियों में से प्रत्येक पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने बताया कि ग्रहण के बाद सबसे पहले स्नान करना चाहिए। ग्रहण रात में करीब डेढ़ बजे समाप्त होगा। कहा जाता है कि स्नान न करने पर सूतक काल व्याप्त रहता है। भारतीय संस्कृति स्नानमय संस्कृति है। शनि को उतारने के लिए ग्रहण के बाद स्नान करना आवश्यक है।

Point of View

चंद्र ग्रहण की घटनाएं हमेशा से हमारे समाज में महत्वपूर्ण रही हैं। यह खगोलीय घटना न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जिज्ञासा का विषय है। समय के साथ, हमें इन ग्रहणों के प्रभावों को समझने की आवश्यकता है, ताकि हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

चंद्र ग्रहण कब शुरू होगा?
चंद्र ग्रहण रविवार की रात को 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव क्या होता है?
चंद्र ग्रहण का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति और जीव पर अलग-अलग पड़ता है, जिसमें कुछ पर सकारात्मक और कुछ पर नकारात्मक प्रभाव होता है।
ग्रहण के बाद स्नान क्यों करना चाहिए?
ग्रहण के बाद स्नान करना अनिवार्य है, क्योंकि स्नान न करने पर सूतक काल व्याप्त रहता है।
ग्रहण क्यों होता है?
ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी की छाया पड़ती है।
क्या चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व होता है?
हां, चंद्र ग्रहण का भारतीय संस्कृति में धार्मिक महत्व है और इसे पुण्य अर्जित करने का समय माना जाता है।