क्या चंद्र ग्रहण से चंद्र दोष से मुक्ति का अवसर मिलता है? बड़ा हनुमान मंदिर के पुजारी ने बताए विशेष उपाय

सारांश
Key Takeaways
- चंद्र ग्रहण के समय मानसिक शांति प्राप्त करने के उपाय
- सफेद वस्तुओं का दान
- गर्भवती महिलाओं की सावधानियाँ
- ग्रहण का प्रभाव और सावधानियाँ
- भगवान के नाम का स्मरण
रांची, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंद्र ग्रहण का हमारे जीवन पर गहरा आध्यात्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव होता है। यह ग्रहण उन व्यक्तियों के लिए विशेष महत्व रखता है, जिनकी कुंडली में चंद्रमा दोष मौजूद है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन, भावना और मानसिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। जब चंद्रमा कमजोर होता है या पाप ग्रहों से प्रभावित होता है, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अस्थिरता, नींद में दिक्कत और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चंद्र ग्रहण इस दोष से मुक्ति पाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर सकता है।
रांची के बड़ा हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी श्यामानंद पांडे ने चंद्र ग्रहण से जुड़े सावधानियों और धार्मिक नियमों को साझा करते हुए कहा कि ग्रहण के समय विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि सूतक काल शुरू होने से पहले भोजन करना चाहिए। हालांकि, वृद्ध और बीमार व्यक्तियों को शास्त्रों के अनुसार साढ़े छह बजे तक भोजन करने की अनुमति होती है। गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से चेतावनी दी गई है कि चंद्र ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि यह समय बेहद संवेदनशील होता है।
पुजारी ने कहा कि ग्रहण का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। कुछ पर इसका प्रभाव सकारात्मक हो सकता है, जबकि दूसरों पर यह नकारात्मक भी हो सकता है। लेकिन यदि भगवान के मंत्रों का जाप किया जाए, तो नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उन्होंने उल्लेख किया कि साधु-संत इस समय का लाभ उठाने के लिए ग्रहण का इंतजार करते हैं, क्योंकि ग्रहण के दौरान पूजा, ध्यान और हवन का विशेष फल मिलता है। यही कारण है कि ग्रहण काल को आध्यात्मिक साधना का महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस समय भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों को छूना वर्जित होता है, क्योंकि वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है।
उन्होंने बताया कि यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा दोष है, तो इस दौरान सफेद वस्तुओं का दान करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें चावल, चीनी, दूध, दही और चांदी शामिल हैं। इन वस्तुओं को पहले से निकाल कर रख लेना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करना चाहिए। इससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है और मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।
पुजारी श्यामानंद पांडे के अनुसार, चंद्र ग्रहण भले ही कुछ घंटों का होता है, लेकिन इसके प्रभाव लंबे समय तक रह सकते हैं। इसलिए यदि किसी की कुंडली में चंद्र दोष है, तो यह समय उसे दूर करने का एक अनोखा अवसर हो सकता है। भगवान के नाम का स्मरण, मंत्र जाप, दान और संयम इस समय को शुभ बना सकते हैं।