क्या चटगांव विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में मतदान में अनियमितताओं के आरोप सही हैं?

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क्या चटगांव विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में मतदान में अनियमितताओं के आरोप सही हैं?

सारांश

चटगांव विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के परिणामों को मतदान में अनियमितताओं और अशांति के आरोपों के बाद स्थगित कर दिया गया है। इस घटना ने बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को फिर से चर्चा में ला दिया है। क्या यह चुनाव प्रबंधन में एक नया संकट है?

Key Takeaways

  • चटगांव विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में अनियमितताएँ पाई गईं।
  • जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा ने जीत का दावा किया।
  • चुनाव परिणामों को स्थगित किया गया है।
  • प्रदर्शनकारियों ने प्रो-वाइस-चांसलर को कैद किया था।
  • छात्र दल ने चुनाव का बहिष्कार किया।

ढाका, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश का चटगांव विश्वविद्यालय ने गुरुवार को मतदान में अनियमितताओं और चुनाव के बाद हुई अशांति के आरोपों के चलते दो हॉलों के छात्र संघ चुनाव परिणामों को स्थगित कर दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर ने जीत का दावा किया।

छात्र शिबिर के सदस्यों ने चटगांव यूनिवर्सिटी सेंट्रल स्टूडेन्ट्स यूनियन इलेक्शन (सीयूसीएसयू) के महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा जमाने का ऐलान किया। इसमें उपाध्यक्ष, महासचिव और 22 अन्य पद शामिल हैं।

बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र, द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग के सदस्य-सचिव एकेएम अरिफुल हक ने कहा कि चटगांव विश्वविद्यालय के आतिश दीपांकर श्रीज्ञान हॉल और सुहरावर्दी हॉल के नतीजों की गुरुवार दोपहर को पुनर्गणना की जाएगी और बाद में प्रकाशित की जाएगी। हालांकि, उन्होंने पुनर्गणना के कारणों का विवरण नहीं दिया।

रिपोर्ट्स से पता चलता है कि गुरुवार तड़के इंजीनियरिंग संकाय भवन के सामने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की छात्र शाखा, छात्र दल और शिबिर कार्यकर्ताओं के बीच हंगामे के बाद सुहरावर्दी हॉल में परिणामों की घोषणा के दौरान तनाव फैल गया।

इस अशांति के बीच, प्रो-वाइस-चांसलर मोहम्मद कमाल हुसैन को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कथित तौर पर कैद कर लिया और लगभग ढाई घंटे बाद रिहा कर दिया गया।

छात्र दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनके उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार, जमादिउल अवल, वोटों में हेराफेरी के कारण चुनाव हार गए।

बुधवार रात, चटगांव विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर सीयूसीएसयू चुनाव को लेकर स्थानीय जमात और बीएनपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए उपद्रव को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे।

डेली स्टार से बात करते हुए, घायल अधिकारी काजी तारेक अजीज ने कहा, "हम दोनों समूहों से बात करके उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अचानक एक समूह ने हम पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जिससे मेरे सिर में चोट लग गई।"

इससे पहले बुधवार को, विश्वविद्यालय के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) मोनिर उद्दीन ने सीयूसीएसयू चुनावों से पहले वोट के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली स्याही की अनुपलब्धता को लेकर अधिकारियों पर निशाना साधा और इसे "राष्ट्रीय अक्षमता" का प्रतिबिंब बताया।

ये ताजा घटनाक्रम देश भर के विश्वविद्यालयों में हुए छात्र संघ चुनावों में मतदान संबंधी अनियमितताओं को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सामने आए हैं।

पिछले महीने, कई छात्र नेताओं ने ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ (डीयूसीएसयू) के चुनाव के परिणामों को "सुनियोजित धोखाधड़ी" बताते हुए खारिज कर दिया था, क्योंकि शिबिर समर्थित उम्मीदवारों ने प्रमुख पदों पर जीत हासिल की थी।

इसी तरह, छात्र दल ने मतदान में अनियमितताओं और अन्य चिंताओं का हवाला देते हुए पिछले महीने हुए जहांगीरनगर विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ (जेयूसीएसयू) के चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।

इन छात्र नेताओं ने पहले मुहम्मद यूनुस और कई राजनीतिक संगठनों के साथ मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

Point of View

NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

चटगांव विश्वविद्यालय के चुनाव में क्या हुआ?
चटगांव विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव के परिणामों को मतदान में अनियमितताओं और चुनाव के बाद अशांति के आरोपों के कारण स्थगित कर दिया गया।
क्या छात्र शिबिर ने चुनाव में जीत का दावा किया?
हाँ, छात्र शिबिर ने सीयूसीएसयू के प्रमुख पदों पर जीत का दावा किया था।
चुनाव के परिणामों का पुनर्गणना कब होगी?
चुनाव आयोग ने कहा है कि नतीजों की पुनर्गणना गुरुवार को की जाएगी।
अशांति के दौरान क्या हुआ?
प्रो-वाइस-चांसलर मोहम्मद कमाल हुसैन को प्रदर्शनकारियों ने लगभग ढाई घंटे के लिए कैद कर लिया था।
छात्र दल ने चुनाव का बहिष्कार क्यों किया?
छात्र दल ने मतदान में अनियमितताओं और अन्य चिंताओं के कारण चुनाव का बहिष्कार किया।