क्या चीनी फिल्म बाजार में सफलता हासिल करने के लिए मार्गदर्शिका है?
सारांश
Key Takeaways
- चीनी दर्शकों की विशेषताओं को समझना आवश्यक है।
- उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री सबसे महत्वपूर्ण है।
- सांस्कृतिक सम्मान
- चीनी दर्शक खुले विचारों वाले हैं।
- अवसरवादी रचनाओं से बचें।
बीजिंग, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में, 'जूटोपिया 2' ने चीनी बाजार में अद्भुत सफलता प्राप्त की है। 11 दिसंबर तक, इसका कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 3.1 अरब युआन तक पहुँच गया है, जो एक बार फिर चीनी फिल्म बाजार की विशाल क्षमता को प्रदर्शित करता है।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े फिल्म बाजार के रूप में, चीन में 80,000 से अधिक सिनेमा स्क्रीन हैं, और इसका वार्षिक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 65 अरब युआन के करीब पहुँच चुका है। यह बाजार अत्यधिक आकर्षक है, लेकिन इसमें भागीदारी प्राप्त करने के लिए चीनी दर्शकों की विशेषताओं को अच्छी तरह समझना आवश्यक है। वे खुले विचारों वाले और समावेशी वैश्विक फिल्म प्रेमी हैं, और राष्ट्रीय पहचान की प्रबल भावना रखने वाले एक सामूहिक इकाई हैं।
इस बाजार में सफल होने के लिए, सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि चीनी दर्शक खुले विचारों वाले और समावेशी फिल्म प्रेमी हैं। चाहे वह हॉलीवुड की शानदार दृश्य-प्रधान फिल्में हों, यूरोप की कलात्मक अभिव्यक्तियाँ हों, या भारतीय, कोरियाई और जापानी जैसे पूर्वी संस्कृतियों की अनूठी कहानियाँ हों, सभी को यहाँ दर्शक मिल सकते हैं।
भारतीय फिल्मों का उदाहरण लेते हुए: “दंगल” ने चीन के बॉक्स ऑफिस पर 1.3 अरब युआन की कमाई की, जो भारत में इसके प्रदर्शन से कहीं अधिक थी; “3 इडियट्स” भी चीन में अत्यधिक लोकप्रियता का आनंद ले रही है और वहाँ 1 करोड़ युआन से अधिक कमाई करने वाली पहली शुद्ध भारतीय फिल्म बन गई है; “मोहब्बतें” का थीम सॉन्ग “मेरे यार की शादी है”, साथ ही “आवारा हूं” और “जिमी आ जा” जैसे गाने एक युग की सामूहिक स्मृति का हिस्सा बन गए हैं। उत्कृष्ट फिल्मों को परखने के लिए चीनी दर्शकों के मानदंड तेजी से अंतरराष्ट्रीय होते जा रहे हैं और कहानी की गुणवत्ता ही सबसे महत्वपूर्ण कसौटी बन गई है।
यह खुला दृष्टिकोण पिछले चार दशकों में चीन के तीव्र विकास से उपजा है। शिक्षा के बढ़ते स्तर और व्यापक अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ, चीनी दर्शकों, विशेषकर युवा पीढ़ी ने, सांस्कृतिक आत्मविश्वास और बहुसंस्कृतिवाद को अपनाने की तत्परता को मिलाकर एक ऐसा दृष्टिकोण विकसित किया है।
हालांकि, इस खुलेपन की भी कुछ सीमाएँ हैं। चीनी दर्शक राष्ट्रीय पहचान और देशभक्ति की प्रबल भावना से भरे हुए हैं। वे उत्कृष्ट विदेशी कृतियों की सराहना करने को तैयार रहते हैं, लेकिन चीन की नैतिक सीमाओं का उल्लंघन करने वाली किसी भी सामग्री को बर्दाश्त नहीं करते। इन नैतिक सीमाओं में राष्ट्रीय संप्रभुता, प्रादेशिक अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा जैसे मूल हित शामिल हैं।
इसलिए, चीनी बाजार में सफलता प्राप्त करने की कुंजी वास्तव में स्पष्ट है: उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री इसका आधार और सांस्कृतिक सम्मान इसका पूर्वशर्त है। चीनी दर्शक अवसरवादी रचनाओं, जिनमें केवल चीनी तत्वों का ढेर लगा दिया गया हो, के बजाय ऐसी सच्ची कहानियाँ देखना चाहते हैं, जो उनसे जुड़ाव महसूस कराएं। चीन में, अच्छी कहानियों को हमेशा बाजार मिलेगा, लेकिन अच्छी कहानियों का आधार इस देश और यहाँ के लोगों की सच्ची समझ होनी चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)