क्या छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने माओवादियों की साजिश को नाकाम किया?

सारांश
Key Takeaways
- छह संदिग्ध माओवादियों की गिरफ्तारी
- आईईडी का सफल निष्क्रियकरण
- सुरक्षा बलों का सक्रिय अभियान
- माओवादी गतिविधियों पर कड़ी नजर
- आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
रायपुर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण अभियान के तहत दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में छह संदिग्ध माओवादियों को गिरफ्तार किया। साथ ही, मंगनार रोड के निकट एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को सुरक्षित रूप से निष्क्रिय किया गया।
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि शुक्रवार को चलाया गया यह अभियान क्षेत्र में माओवादियों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए की जा रही गतिविधियों का हिस्सा है।
पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में पांच पुरुष और एक महिला शामिल थी, जिन्होंने भागने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ के दौरान, उन्होंने माओवादियों के साथ संबंध और पुलिस गश्ती दल को निशाना बनाने के लिए आईईडी लगाने की बात स्वीकार की।
मंगनार रोड के पास संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना पर, बरसूर पुलिस स्टेशन, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने उप पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुम्भकार और इंस्पेक्टर संजय उर्सा के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई की।
गिरफ्तार किए गए लोगों में अनिल उर्फ कचनु सलाम (30) शामिल हैं, जो कोंडागांव के नेंदु वाया का कुख्यात व्यक्ति है और कई गंभीर अपराधों में शामिल रहा है।
अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों में बीजापुर की जमुना उर्फ जयमती मंडावी (26), सन्नू राम कश्यप (20), मनीष कश्यप (19), हरि राम कश्यप (18) और सुलाराम कश्यप (22) हैं, जो बस्तर के मालेवाही पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कहचनार के निवासी हैं।
इस ऑपरेशन के दौरान 0.5 किलो का जिंदा प्रेशर आईईडी, फावड़ा, तलवार और अन्य माओवादी सामग्री बरामद की गई। आईईडी को सुरक्षा नियमों के तहत निष्क्रिय किया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
आरोपियों के खिलाफ बारसूर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61(2)(ए), 190, 191(2) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4, 5 के तहत मामला दर्ज किया गया।
आरोपियों को अदालत में रिमांड के लिए पेश किया गया।