क्या पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम का बयान 26/11 हमले पर सही है?

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क्या पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम का बयान 26/11 हमले पर सही है?

सारांश

मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले को लेकर चिदंबरम के बयान ने सियासत में हलचल मचा दी है। एनसीपी सांसद सुनील तटकरे ने चिदंबरम की टिप्पणियों को यूपीए सरकार की कमजोर नीतियों का नतीजा बताया और मोदी सरकार की कड़े कदमों की तारीफ की। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • पी. चिदंबरम का बयान यूपीए सरकार की कमजोर नीतियों का संकेत है।
  • सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति न करने की आवश्यकता है।
  • मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
  • यूएन और अन्य देशों के दबाव में न झुकने की आवश्यकता है।
  • महाराष्ट्र की जनता को 26/11 का दर्द सहना पड़ा है।

मुंबई, ३० सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। २६/११ के आतंकी हमले को लेकर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के नवीनतम बयान ने सियासी हलचल को जन्म दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद सुनील तटकरे ने चिदंबरम की टिप्पणी को यूपीए सरकार की कमजोर नीति का प्रमाण बताया और वर्तमान मोदी सरकार की कठोर कार्रवाइयों की सराहना की।

तटकरे ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "पी. चिदंबरम उस समय यूपीए सरकार में गृह मंत्री थे, लेकिन उस समय उनके बयान को मैंने सुना नहीं है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पाकिस्तान में आतंकवाद को समर्थन देने वाले ठिकानों पर सीधा प्रहार किया है। यह कदम हमारे सुरक्षाबलों ने उठाया और सभी भारतीयों को इस पर गर्व है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।"

उन्होंने चिदंबरम के बयान को 'देर से आया खोखला दावा' करार देते हुए कहा, "२६/११ के हमले में १६६ लोग मारे गए, जिनमें हमारे सैनिक और विदेशी नागरिक शामिल थे। उस समय पाकिस्तान को सबक सिखाने का साहस क्यों नहीं दिखाया गया? २५० किलो आरडीएक्स का स्रोत आज तक स्पष्ट नहीं हुआ।"

तटकरे ने यूपीए सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि विदेशी दबाव में झुकना देश की सुरक्षा का समझौता था। इसके विपरीत, उन्होंने मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक का उल्लेख करते हुए कहा, "आज हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।"

उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास भले ही बांग्लादेश युद्ध जैसे योगदानों से भरा हो, लेकिन २६/११ पर उनकी चुप्पी और ढुलमुल रवैया सवाल उठाता है। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की जनता ने २६/११ का दर्द सहा है। हमारी सरकार अब ऐसी कमजोरी नहीं दिखाएगी।"

यह ध्यान देने योग्य है कि अपने हालिया बयान में चिदंबरम ने खुलासा किया कि यूपीए सरकार ने २००८ के हमले के बाद पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव, खासकर अमेरिका की सलाह पर इसे टाल दिया गया था।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी दलों की नीतियों की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति न की जाए। 26/11 की त्रासदी ने हमें एकजुट होने की आवश्यकता को दर्शाया।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

26/11 हमले का मुख्य कारण क्या था?
26/11 का हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की सुरक्षा को कमजोर करना था।
चिदंबरम का बयान किसकी नीतियों पर प्रकाश डालता है?
चिदंबरम का बयान यूपीए सरकार की सुरक्षा नीतियों की कमजोरी को उजागर करता है, जिस पर एनसीपी सांसद ने सवाल उठाया है।
मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक शामिल हैं।