क्या चीन और दक्षिण कोरिया के नेताओं की मुलाकात का विशेष महत्व है?
सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण कोरिया और चीन के नेताओं के बीच पहली मुलाकात हुई।
- 11 वर्षों बाद शी चिनफिंग का दौरा।
- द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित करने का अवसर।
- व्यापार और विज्ञान में सहयोग बढ़ाने का संकल्प।
- वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना।
बीजिंग, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में एपेक नेताओं की 32वीं अनौपचारिक बैठक में भाग लिया और दक्षिण कोरिया की राजकीय यात्रा की।
यह 11 वर्षों बाद शी चिनफिंग की दूसरी बार दक्षिण कोरिया की यात्रा है और ली जे-म्युंग के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात है। ग्योंगजू संग्रहालय में उनकी मुलाकात पर दक्षिण कोरिया के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक चर्चा हुई।
इस मुलाकात में शी चिनफिंग ने दक्षिण कोरिया के प्रति चीन की नीति की निरंतरता और स्थिरता को पुनः दोहराया और चीन-दक्षिण कोरिया रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की इच्छा प्रकट की।
इसके जवाब में, ली जे-म्युंग ने स्पष्ट किया कि दक्षिण कोरिया और चीन एक-दूसरे के साथ अविभाज्य साझेदार हैं। दक्षिण कोरिया चीन के साथ अपने रिश्तों पर विशेष ध्यान देता है और द्विपक्षीय सहयोग को नए स्तर पर पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुलाकात का मुख्य महत्व द्विपक्षीय संबंधों को ‘पुनर्स्थापित’ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करना है।
इस यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं की उपस्थिति में चीन और दक्षिण कोरिया ने व्यापार, वित्त, कृषि, कानून प्रवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में सहयोग दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञों ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि दक्षिण कोरिया-चीन संबंध पारंपरिक, आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी से उन्नति कर परिपक्व रणनीतिक साझेदारी में बदल जाएंगे, जिससे वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और औद्योगिक विकास का नेतृत्व करने में मदद मिलेगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)