क्या चीन और जर्मनी के विदेश मंत्रियों ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की?
सारांश
Key Takeaways
- चीन और जर्मनी के बीच सहयोग वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
- थाईवान मुद्दे पर चीन का रुख स्पष्ट किया गया।
- यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
- दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ संवाद करना चाहिए।
- एक चीन की नीति के प्रति जर्मनी का समर्थन महत्वपूर्ण है।
बीजिंग, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 8 दिसंबर को पेइचिंग में जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की।
इस अवसर पर वांग यी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में अव्यवस्था और उथल-पुथल तेजी से बढ़ रही है। चीन और जर्मनी के बीच सहयोग न केवल दोनों देशों के विकास के लिए बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। चीन और जर्मनी को एक बड़े देश के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए आपसी सम्मान के साथ एक matured और सक्रिय इंटरैक्शन मॉडल विकसित करना होगा, जिससे एक स्थिर द्विपक्षीय नीतिगत ढांचा स्थापित किया जा सके।
वांग यी ने आगे कहा कि चीन जर्मनी के साथ उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को बढ़ाने, रणनीतिक संपर्क को मजबूत करने, विकास की रणनीतियों को एकजुट करने और व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा रखता है, ताकि चीन-जर्मनी संबंधों में नई आशाएं जागृत हो सकें। यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जर्मनी, यूरोपीय एकीकरण की मुख्य शक्ति है और चीन का एक महत्वपूर्ण साझेदार है। आशा है कि जर्मनी आपसी लाभ के लिए वार्ता के जरिए मतभेदों को सुलझाएगा।
इसके साथ ही, वांग यी ने थाईवान मुद्दे पर चीन के सैद्धांतिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि थाईवान से जुड़े जापान के वर्तमान नेता का बयान बेहद खतरनाक है। जर्मनी के विपरीत, जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध के 80 साल बाद भी अपने आक्रामक इतिहास पर पूरी तरह से विचार नहीं किया है। एक चीन की नीति चीन और जर्मनी के बीच संबंधों का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक आधार है, और आशा है कि जर्मनी चीन के कानूनी रुख को समझेगा और थाईवान की स्वतंत्रता से संबंधित बयानों का कड़ा विरोध करेगा।
वहीं, वेडफुल ने कहा कि इस जटिल दुनिया में, जर्मनी और चीन को विशेष जिम्मेदारी उठानी चाहिए। दोनों देश संपर्क और सहयोग को मजबूत करके विश्वसनीय और पूर्वानुमान योग्य साझेदार बन सकते हैं। जर्मनी एक चीन की नीति का दृढ़ता से पालन करता है और विभिन्न क्षेत्रों में चीन के साथ उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को बढ़ाना चाहता है।
दोनों पक्षों ने यूक्रेन संकट पर भी अपने विचार साझा किए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)