क्या चीन और रूस का संयुक्त सैन्याभ्यास समुद्री अभ्यास चरण शुरू हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- चीन और रूस का संयुक्त सैन्याभ्यास समुद्री क्षेत्र में शुरू हो गया है।
- यह अभ्यास तीन दिनों तक चलेगा।
- अभ्यास में पनडुब्बी बचाव और वायु रक्षा का प्रशिक्षण शामिल है।
- सैन्याभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना है।
- इसमें कई सैन्य तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा।
बीजिंग, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चीन-रूस संयुक्त समुद्री-2025 सैन्याभ्यास में भाग ले रहे चीन और रूस के नौसैनिक बेड़े ने रविवार को रूस के व्लादिवोस्तोक बंदरगाह के समीप समुद्री क्षेत्र के लिए प्रस्थान किया। यह स्पष्ट है कि संयुक्त सैन्याभ्यास का समुद्री अभ्यास चरण पूरी तरह से आरंभ हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, रविवार को सुबह 5 बजे रूसी टगबोट और सैन्य बंदरगाह में सहायता कर्मियों के सहयोग से चीनी नौसेना का शीहू जहाज और रूस का बेलौसोव लाइफबोट सबसे पहले बंदरगाह से रवाना हुए। इसके बाद, चीन और रूस के जंगी जहाजों ने तेजी से बेड़े का गठन किया और मिशन क्षेत्र की ओर निकले।
इससे पूर्व, चीनी और रूसी सेनाओं की संयुक्त कमान ने सैन्याभ्यास की योजना और प्रस्ताव के अनुसार मानचित्र पर सैन्य सिमुलेशन किया और कई मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया।
योजना के अनुसार, चीन और रूस का नौसैनिक बेड़ा तीन दिवसीय समुद्री अभ्यास करेगा। इस दौरान पनडुब्बी बचाव, संयुक्त पनडुब्बी रोधी, वायु रक्षा व एंटी मिसाइल और समुद्री युद्ध आदि का अभ्यास किया जाएगा। इसके अलावा, हथियारों के व्यावहारिक प्रयोग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)