क्या चीन और फ्रांस को वैश्विक चुनौतियों का सामना एक साथ करना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- 76.1 प्रतिशत लोग मानते हैं कि चीन और फ्रांस को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
- 75 प्रतिशत लोग आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए सहमत हैं।
- 77.8 प्रतिशत का मानना है कि सहयोग का विस्तार दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।
- 92.5 प्रतिशत ने बहुपक्षवाद की आवश्यकता पर जोर दिया है।
बीजिंग, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन जल्द ही चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस यात्रा के संदर्भ में चाइना मीडिया ग्रुप के तहत सीजीटीएन ने वैश्विक नेटिजनों के बीच एक सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि 76.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि चीन और फ्रांस को यूएन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में एकजुट होकर दूसरे विश्व युद्ध की विजय के बाद की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए और वैश्विक चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
सर्वे में शामिल 75 प्रतिशत लोग चीन और फ्रांस के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए सहमत हैं ताकि बाहरी खतरों और चुनौतियों का सामना किया जा सके।
77.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि चीन और फ्रांस के बीच सहयोग का विस्तार द्विपक्षीय संबंधों के विकास से अधिक महत्वपूर्ण है, और इसका अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।
86.5 प्रतिशत लोग मानते हैं कि चीन का गुणवत्ता विकास और उच्च स्तरीय खुलापन चीन-यूरोपीय संघ सहयोग के लिए नए अवसर प्रदान करेगा।
92 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि यूरोपीय देशों को चीन की सही पहचान करनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों में मौजूद मतभेदों को विवेक से देखना चाहिए।
92.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने चीन और यूरोपीय संघ से अपेक्षा की है कि वे सच्चे बहुपक्षवाद को बनाए रखते हुए यूएन चार्टर और सिद्धांतों की सुरक्षा करते हुए वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग करें।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)