क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकतरफा बलपूर्वक उपायों पर अंकुश लगाने की दिशा में कदम उठाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकता और सहयोग की अपील की है।
- एकतरफा बलपूर्वक उपायों के खिलाफ चीन का विरोध स्पष्ट है।
- विकासशील देशों को इन उपायों के नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है।
बीजिंग, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू छोंग ने समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर 3 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में एकतरफा बलपूर्वक उपायों पर एक संयुक्त बयान दिया। इस बयान में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संयमित रहना चाहिए, एकता और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, और इस अवैध कृत्य पर दृढ़ता से अंकुश लगाना चाहिए।
फू छोंग ने कहा कि वर्तमान में, एकतरफावाद तेजी से फैल रहा है, जंगल का कानून व्याप्त है, और एकतरफा बलपूर्वक उपाय आम बात हो गई हैं। इतिहास से यह स्पष्ट होता है कि एकतरफा दबाव अंतरराष्ट्रीय अराजकता और विश्व व्यवस्था को कमजोर करने वाले मुख्य कारणों में से एक हैं। विकासशील देश और उनके नागरिक इन एकतरफा दमनकारी उपायों के नकारात्मक प्रभावों से ग्रसित हैं। ये उपाय संप्रभु समानता और सहयोग के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं, अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों का उल्लंघन करते हैं।
फू छोंग ने कहा कि हम समूह 77 और चीन के 2025 मंत्रिस्तरीय घोषणा पत्र का स्वागत करते हैं, जिसमें यह पुष्टि की गई है कि विकासशील देशों के खिलाफ एकतरफा प्रतिबंध सहित एकतरफा बलपूर्वक उपायों का लागू होना आर्थिक और सामाजिक विकास में कोई योगदान नहीं करता।
फू छोंग ने अपने बयान में दोहराया कि हम एकतरफा बलपूर्वक उपायों के खिलाफ हैं और कुछ पश्चिमी देशों से अनुरोध करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के न्यायोचित आह्वान पर ध्यान दें, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करें, और एकतरफा बलपूर्वक उपायों को तुरंत, बिना शर्त और पूरी तरह से समाप्त करें। वर्तमान में, हमें एकता और सहायता को मजबूत करना चाहिए, टकराव और विभाजन का विरोध करना चाहिए, और सभी के लिए मानवाधिकारों का संरक्षण करना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)