क्या चिराग पासवान को धमकी देने वाला शख्स गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
- आरोपी मोहम्मद मेराज को पुलिस ने पकड़ लिया।
- सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियां गंभीर हो सकती हैं।
- पुलिस मामले की तकनीकी जांच कर रही है।
- मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी ध्यान देने योग्य है।
पटना, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को धमकी देने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। समस्तीपुर पुलिस ने आरोपी को बेगूसराय के तेघरा से पकड़ा है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी ने चिराग पासवान को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। आरोपी की पहचान जिले के भीड़हा गांव के निवासी मोहम्मद मेराज (21) के रूप में हुई है।
युवक की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय पुलिस ने उसे पटना साइबर थाने की पुलिस को सौंप दिया है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता किया जा सके कि मेराज ने किसके कहने पर चिराग पासवान को धमकी दी थी।
साइबर क्राइम डीएसपी दुर्गेश दीपक ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के पास से एक मोबाइल जब्त किया गया है। मोबाइल में एक इंस्टाग्राम आईडी भी मिली है, जिसमें वह कमेंट कर रहा था, जिसके माध्यम से चिराग पासवान को जान से मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार युवक को पटना साइबर थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
डीएसपी ने कहा कि तकनीकी अनुसंधान के दौरान विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर एक उपयोगकर्ता साहिल सफीक मिला, जिसने कमेंट किया था कि धमकी देने वाला युवक मानसिक रूप से बीमार है। इसके बाद मोहम्मद सफीक से साइबर पुलिस ने पूछताछ की और इस युवक के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी बेगूसराय के तेघड़ा से की गई।
गौरतलब है कि 11 जुलाई को इंस्टाग्राम के माध्यम से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी, जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
वास्तव में, चिराग पासवान को यूट्यूब पर दक्षा प्रिया के एक इंटरव्यू के पोस्ट कमेंट में टाइगर मिराज नामक उपयोगकर्ता ने 20 जुलाई को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। लोजपा रामविलास के जिला अध्यक्ष अनुपम कुमार सिंह उर्फ हीरा सिंह ने इस मामले में समस्तीपुर साइबर थाने में आवेदन दिया था। हालांकि, पहले से ही पटना साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसके कारण समस्तीपुर में मामले को लेकर एक सन्हा दर्ज किया गया था।