क्या चिराग पासवान एनडीए का साथ छोड़ने वाले हैं? : मृत्युंजय तिवारी

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क्या चिराग पासवान एनडीए का साथ छोड़ने वाले हैं? : मृत्युंजय तिवारी

सारांश

बिहार के केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में राज्य में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने उन्हें चुनौती दी है कि वे एनडीए छोड़ने का समय बताएं। क्या चिराग पासवान सच में अपनी पार्टी के साथ कोई बड़ा कदम उठाने वाले हैं? जानिए इस दिलचस्प चर्चा के बारे में।

Key Takeaways

  • चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई है।
  • मृत्युंजय तिवारी ने चिराग को एनडीए छोड़ने की चुनौती दी है।
  • ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का स्वागत किया गया है।
  • बिहार सरकार चुनावी घोषणाएं कर रही है।
  • तेजस्वी यादव का ब्लूप्रिंट सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।

पटना, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के उस बयान पर तीखा प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने बिहार में अपराधबिहार में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, प्रशासन अपराधियों के सामने नतमस्तक है और ऐसी सरकार का समर्थन करने में उन्हें शर्मिंदगी महसूस हो रही है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि चिराग पासवान केवल भूमिका बना रहे हैं। अच्छी बात यह होगी कि वह बताएं कि एनडीए का दामन कब छोड़ रहे हैं।

रविवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए राजद नेता ने चिराग को कड़ी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि चिराग को बिहार की अराजकता के खिलाफ खुलकर बोलना चाहिए और एनडीए में अपनी स्थिति पर फैसला लेना चाहिए। तिवारी ने चिराग पर कुर्सी के लालच का आरोप लगाया और कहा कि जनता उन्हें माफ नहीं करेगी अगर वे केवल दिखावा करते रहे। साथ ही, उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध बढ़ रहा है, तो वह किसके हनुमान बन रहे हैं!

तिवारी ने चिराग से तेजस्वी की तरह जनता के लिए हिम्मत दिखाने की सलाह दी।

लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा पर उन्होंने कहा कि विपक्ष लंबे समय से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा था, लेकिन सरकार ने एक सप्ताह तक सदन की कार्यवाही बाधित की। अब सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के लिए सहमति दी है, जो एक स्वागत योग्य कदम है। तिवारी ने कहा कि संसद देश की सबसे बड़ी पंचायत है, और इस गंभीर विषय पर खुली चर्चा जरूरी है। विपक्ष ने इसके लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हुई। अब चर्चा होगी तो अच्छी बात है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि भारत शांति का पुजारी और गांधी का देश है, जो अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करता। उन्होंने भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और वीरता पर गर्व जताया। देश की सुरक्षा जैसे मामलों पर पक्ष और विपक्ष एकजुट हैं। भले ही राजनीति में मतभेद हों, लेकिन देश के हित में सभी एक साथ हैं।

एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने की तैयारी पर उन्होंने कहा कि यह कोई गलत कदम नहीं है। भारतीय सेना की वीरता, शौर्य और पराक्रम को स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाना उचित है, क्योंकि पहले भी छात्रों को किताबों के माध्यम से वीर सपूतों के इतिहास और उनकी गाथाओं से परिचित कराया जाता रहा है। कई कवियों ने इन वीरतापूर्ण घटनाओं पर गीत लिखे हैं, जो देश के गौरवशाली इतिहास को दर्शाते हैं।

बिहार सरकार की ओर से सफाई कर्मचारी आयोग के गठन और इसमें ट्रांसजेंडरों को शामिल करने की घोषणा पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार लगातार चुनावी घोषणाएं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 20 वर्षों में सरकार को सफाई कर्मचारियों की सुध नहीं थी, लेकिन अब जब तेजस्वी यादव ने अपने ब्लूप्रिंट में विभिन्न मुद्दों पर घोषणाएं कीं, तब सरकार सक्रिय हुई है। तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार अपनी विदाई से पहले ऐसी घोषणाएं कर रही है, लेकिन असल में तेजस्वी यादव को ही सब कुछ करना है और वह इस सरकार से कहीं अधिक काम करेंगे।

तेजप्रताप यादव के महुआ विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है, और इस पर कोई विशेष टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चिराग पासवान और मृत्युंजय तिवारी के बीच यह विवाद बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों को दर्शाता है। यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक दल अपने कार्यों और विचारों को स्पष्ट करें, ताकि जनता को सही जानकारी मिल सके।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

चिराग पासवान ने बिहार में अपराध पर क्या कहा?
चिराग पासवान ने बिहार में अपराध की घटनाएं बढ़ने और प्रशासन की नाकामी पर चिंता जताई।
मृत्युंजय तिवारी का चिराग पासवान पर क्या कहना है?
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि चिराग केवल दिखावा कर रहे हैं और उन्हें एनडीए छोड़ने का समय बताना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का क्या रुख है?
सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सहमति दी है, जो एक सकारात्मक कदम है।
बिहार की राजनीति में यह विवाद क्यों महत्वपूर्ण है?
यह विवाद बिहार की राजनीतिक परिस्थिति को दर्शाता है और भविष्य में चुनावी परिणामों पर प्रभाव डाल सकता है।
तेजस्वी यादव के ब्लूप्रिंट पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?
सरकार ने तेजस्वी यादव के ब्लूप्रिंट के बाद सक्रियता दिखाई है, जो उनके चुनावी घोषणाओं का परिणाम है।