क्या दिमाग की सेहत के लिए 'मेमोरी विटामिन' कोलीन जरूरी है?
सारांश
Key Takeaways
- कोलीन दिमाग के लिए आवश्यक है।
- यह याददाश्त और ध्यान को बढ़ाता है।
- हर दिन कोलीन की सही मात्रा लेना जरूरी है।
- अंडे और दूध जैसे कोलीन के स्रोतों को अपने आहार में शामिल करें।
- दुनिया की अधिकांश आबादी कोलीन की जरूरत पूरी नहीं कर पा रही है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप रात में नींद नहीं आती, उदासी और चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं, पढ़ाई या काम में ध्यान नहीं लगा पाते, और बातें बार-बार भूल जाते हैं? ये सब दिमागी सेहत के खराब होने के संकेत हो सकते हैं। जिस प्रकार शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उसी तरह दिमाग को भी इसकी जरूरत होती है।
प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने बताया कि दिमाग की सेहत के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है कोलीन, जिसे वैज्ञानिक अब ‘मेमोरी विटामिन’ के नाम से जानते हैं। हम अक्सर प्रोटीन, आयरन, ओमेगा-3, और विटामिन डी के बारे में बात करते हैं, लेकिन कोलीन पर बहुत कम चर्चा होती है। यह दिमाग की कोशिकाओं का निर्माण करता है, याददाश्त को मजबूत करता है, ध्यान और सीखने की क्षमता को बढ़ाता है।
उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2018 की एक स्टडी का उल्लेख किया, जिसमें पाया गया कि प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं ने रोजाना पर्याप्त कोलीन लिया, उनके बच्चों ने 7 साल की उम्र में मेमोरी और समझने के टेस्ट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। अर्थात्, मां के गर्भ में लिया गया कोलीन बच्चे के दिमाग को जीवनभर के लिए स्मार्ट बना सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि सामान्य महिलाओं को 425 मिलीग्राम और पुरुषों को 550 मिलीग्राम कोलीन प्रतिदिन लेना चाहिए।
एक्सपर्ट ने बताया कि कोलीन के अच्छे स्रोत क्या हैं। एनिमल सोर्स में कोलीन अंडे (विशेषकर जर्दी), चिकन, और मछली में मिलता है। शाकाहारी लोगों के लिए दूध, दही, पनीर, सोयाबीन, एडामे, ब्रोकली, शिटाके मशरूम, मूंगफली, क्विनोआ, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, राजमा, और चने भी कोलीन के अच्छे स्रोत हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि दुनिया की लगभग 90 प्रतिशत आबादी प्रतिदिन कोलीन की जरूरत भी पूरी नहीं कर पाती। इसका मतलब यह है कि अधिकांश लोग अपने दिमाग को उसके सबसे आवश्यक पोषक तत्व नहीं दे रहे हैं।