क्या चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' जैसे शब्दों पर आपत्ति जताई है?

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क्या चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' जैसे शब्दों पर आपत्ति जताई है?

सारांश

भारतीय चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' जैसे शब्दों के उपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस लेख में जानें कि आयोग ने क्यों कहा कि यह शब्द करोड़ों मतदाताओं और चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर हमला है, साथ ही राहुल गांधी की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि भी।

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' शब्द पर कड़ी आपत्ति जताई।
  • यह शब्द मतदाताओं और चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर हमला है।
  • राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय चुनाव आयोग ने विपक्ष द्वारा 'वोट चोरी' जैसे शब्दों के उपयोग पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस, पिछले दो हफ्तों से 'वोट चोरी' नाम से एक अभियान चला रहे हैं। हालांकि, आयोग के सूत्रों के अनुसार, 'वोट चोर' जैसे शब्दों का उपयोग करके झूठी कहानियाँ गढ़ने का प्रयास न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सीधा हमला है, बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला है।

सूत्रों के अनुसार, ईसीआई का कहना है कि 'एक व्यक्ति एक वोट' का कानून 1951-1952 में भारत के पहले चुनाव के बाद से लागू है। यदि किसी के पास यह प्रमाण है कि कोई व्यक्ति किसी चुनाव में दो बार वोट डाल चुका है, तो उसे आयोग को लिखित हलफनामे के साथ जानकारी देनी चाहिए, न कि बिना सबूत पूरे देश के मतदाताओं को 'चोर' कहकर अपमानित किया जाना चाहिए।

सूत्रों ने बताया, "आयोग इस बात से चिंतित है कि इस तरह की बयानबाजी न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं में संदेह उत्पन्न करती है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में लगे चुनाव अधिकारियों की विश्वसनीयता को भी कमजोर करती है।"

यह प्रतिक्रिया लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों के बाद आई है, जिन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर "वोट चुराने" में संलग्न है। 7 अगस्त को राहुल गांधी ने मीडिया के सामने एक प्रेजेंटेशन दी, जिसमें महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र के कुछ मतदाताओं की सूची प्रदर्शित की।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग उन्हें डेटा नहीं दे रहा, क्योंकि उन्हें डर है कि जो उन्होंने महादेवापुरा में किया, वही अन्य लोकसभा सीटों पर भी हो सकता है, जिससे देश के लोकतंत्र की सच्चाई उजागर हो जाएगी। राहुल गांधी ने अपने बयान में आगे कहा, "हमारे पास आपराधिक सबूत हैं, लेकिन चुनाव आयोग देश भर में सबूतों को खत्म करने में लगा है। चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिला हुआ है और उनकी मदद कर रहा है।"

Point of View

बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक है। हमें एकजुट होकर चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' पर क्यों आपत्ति जताई?
चुनाव आयोग ने कहा है कि इस तरह के शब्दों का उपयोग झूठी कहानियाँ गढ़ने का प्रयास है, जो मतदाताओं और चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर हमला करता है।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या आरोप लगाया?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर 'वोट चुराने' में संलग्न है और डेटा साझा नहीं कर रहा है।