क्या चुनाव आयोग ने विपक्षी नेताओं के मतदाता सूची संबंधी आरोपों को ‘गलत’ बताया?

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क्या चुनाव आयोग ने विपक्षी नेताओं के मतदाता सूची संबंधी आरोपों को ‘गलत’ बताया?

सारांश

चुनाव आयोग ने हाल ही में विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि मतदाता सूची में कोई हेराफेरी नहीं हुई है। इस विषय पर आयोग ने विभिन्न बैठकें और प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को दर्शाया है। क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग ने विपक्षी आरोपों को खारिज किया।
  • बिहार में 54,432 नए मतदाता पंजीकृत हुए हैं।
  • मतदाता सूची में कोई हेराफेरी नहीं होने का दावा।
  • राजनीतिक दलों के साथ पारदर्शिता बनाए रखने का प्रयास।
  • विपक्ष का आरोप लोकतंत्र को प्रभावित करने का है।

नई दिल्ली, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने सोमवार को फैक्ट चेक के माध्यम से मतदाता सूची में हेराफेरी को लेकर आंदोलन कर रहे विपक्षी नेताओं के बयानों को ‘गलत’ करार दिया और इसे खारिज कर दिया।

बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन से पूर्व, प्रकाशन के समय और उसके बाद राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठकों के विवरण को साझा करते हुए, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इस प्रक्रिया में अत्यधिक पारदर्शिता बनाए रखने का दावा किया।

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि शुद्ध मतदाता सूची हमारे लोकतंत्र को मजबूत करती है, और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के वास्तविक आदेश को पुनः जारी किया। इसके साथ ही कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रशंसापत्र वाले वीडियो के लिंक भी साझा किए गए।

इस फैक्ट चेक की घोषणा उस दिन की गई जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद भवन से दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन के चुनाव आयोग कार्यालय तक इंडिया ब्लॉक पार्टियों के संयुक्त विरोध मार्च का नेतृत्व किया।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “भारत वोट चोरी के खिलाफ लड़ेगा।”

विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए राहुल गांधी ने भी एक्स के माध्यम से सभी विपक्षी दलों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और मतदान के अधिकार की रक्षा के लिए है।

चुनाव आयोग ने पहले कहा था कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध में मतदाताओं से सीधे प्राप्त 10,570 दावों और आपत्तियों में से अब तक 127 का समाधान किया जा चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची के प्रकाशन के 11 दिन बाद, किसी भी राजनीतिक दल ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

इसके साथ, चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में 1 अगस्त से अब तक 54,432 नए मतदाताओं ने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है। ये सभी नए मतदाता एसआईआर प्रक्रिया के बाद 18 वर्ष के हो गए हैं।

विपक्षी दलों ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि इससे लाखों मतदाताओं के मताधिकार छिनने का खतरा है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम हर स्थिति को निष्पक्षता से देखें। चुनाव आयोग द्वारा पारदर्शिता का दावा करना महत्वपूर्ण है, लेकिन राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप हमेशा चर्चा का विषय रहते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र की नींव मजबूत बनी रहे।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों का क्या जवाब दिया?
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को 'गलत' करार देते हुए इसे खारिज कर दिया है।
बिहार में मतदाता सूची के संबंध में क्या नया है?
बिहार में 54,432 नए मतदाताओं ने नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है।
विपक्षी दलों का मुख्य आरोप क्या है?
विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण लाखों मतदाताओं के मताधिकार छिनने का खतरा है।